– विधानसभा का टिकट कटा, तो सांसद का टिकट देकर नवाजेगी पार्टी
– सांसद पिता की आसंदी पर पुत्र को बैठाने की अटकले तेज
– सबसे कम और सबसे ज्यादा वोटो से जीतने तथा सबसे कम मतों से हारने का रिकार्ड है डॉ पाण्डेय के नाम
– करोड़ों के विकास कार्यो के बल पर पार्टी दे सकती है विधानसभा का टिकट
जावरा। रतलाम जिले की सबसे हाई वाल्टेज सीट इन दिनों जावरा विधानसभा सीट बनी हुई है। जिले की पांचों विधानसभा सीटों मे से केवल जावरा पर ही पुरे प्रदेश की निगाहे बनी हुई है, कि जावरा से किसको पार्टी विधानसभा का टिकट देती है, भाजपा में यू तो विधायक डॉ पाण्डेय सबसे मजबुत और जीताऊ उम्मीद्वार है, लेकिन यदि पार्टी से उनका टिकट कटता है, उनकी जगह केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व कद्दावर नेता कैलाशवासी महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा के अनूज केकेसिंह कालूखेड़ा का नाम दूसरे पायदान पर है। यदि पार्टी कालूखेड़ा को टिकट देती है, तो डॉ पाण्डेय को जावरा मंदसौर संसदीय क्षैत्र से सांसद का टिकट देकर नवाजेगी जरुर और करीब 40 साल तक सांसद रहे दिंवगत डॉ लक्ष्मीनारायण पाण्डेय की आसंदी पर उनके पुत्र को बैठायेगी। जावरा विधानसभा में डॉ पाण्डेय के नाम सबसे ज्यादा तथा सबसे कम मतों से चुनाव जीतने के साथ ही सबसे कम मतों से चुनाव हारने का रिकार्ड भी दर्ज है। डॉ पाण्डेय का दावा है की यदि पार्टी उन्हें पुनः मोका देती है तो जावरा के चहुमुखी विकास के करीब 5 अधिक प्लान उनके दिमाग में है, सरकार रही तो भी न रही तो भी जावरा के विकास और आर्थिक उन्नति को लेकर हमेशा लड़ते रहेगे l
देवदुत बनकर उभरे थे कोराना काल में –
2018 का चुनाव जीतने के बाद विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय को आपदा में आम जन की सेवा करने का सुनहरा अवसर मिला। जिसे बखुबी पुरा किया। समुचे कोरोना काल में विधायक डॉ पाण्डेय विधानसभा की समुची जनता के लिए देवदुत बनकर उभरे, पुरे कोरोना काल में एक भी दिन घर पर नहीं बैठे प्रतिदिन अस्पताल में कोरोना से पीडि़त आम जन की सेवा में दिन रात लगे रहे। ढोढऱ टोल पर प्रवासियों लिए भोजन की व्यवस्था करना हो, अस्प्ताल में आक्सीजन सिलेण्डर से लेकर कोरोना रोधी दवाईयों का इंतजाम हो या जन सहयोग से अस्पताल में आक्सीजन प्लांट की स्थापना ही क्यों ना करना पड़े, विधायक ने हार नहीं मानी और लगातार आमजन की सेवा भावना को मन लेकर अपने कर्तव्य पथ पर निरंतर चलते रहे। सेवाभाव के चलते विधायक डॉ राजेन्द्र का आभा मण्डल सकारात्मक ऊर्जा से भर गया और आज क्षैत्र में विधायक भाजपा के टिकट पहले पायदान के दावेदार बनकर मजबुती से खड़े है।
तगड़ा विरोध फिर भी जीत कर बने बाज़ीगर –
क्षैत्र में डॉ राजेन्द्र पाण्डेय के विरोधियों की संख्या भी कम नहीं है, शहर के कई नामचीन व प्रभावी लोग विधायक का सार्वजनिक रुप से विरोध करते आए है, वहीं जिन लोगों को विधायक ने उठाया वे भी वर्तमान में उनके विरोधी हो गए है। 2018 के विधानसभा में भारी विरोध और पार्टी के ही निर्दलीय उम्मीद्वारों से मुकाबला करते हुए 511 मतों से जीत दर्ज कर विधायक डॉ पाण्डेय ने खुद को बाजीगर सिद्ध किया। चुनाव जीते लेकिन सरकार नहीं बन पाई, फिर भी अपनी सक्रियता के बल पर काम करते रहे और क्षैत्र में करोड़ो रुपए के विकास कार्य करवाए।

अस्पताल और ब्रिज जैसी सुविधाऐं दिलवाई –
डॉ राजेन्द्र पाण्डेय ने 2018 के अपने विधायक कार्यकाल में जावरा विधानसभा में यु तो करोड़ो रुपए के विकास कार्य किए है, लेकिन जावरा शहर की सबसे ज्वलंत समस्या रेलवे फाटक पर ओव्हर ब्रिज निर्माण और जावरा में महिला एवं शिशु चिकित्सालय शुरु करवाया। पिपलौदा में 50 बिस्तरीय शासकीय चिकित्सालय के साथ लगभग 2557 करोड़ के विकास कार्यो का भूमिपूजन व लोकापर्ण विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय ने आचार संहिता से पूर्व किया।
सबसे बड़ी योजना 2017 करोड़ की माही जल प्रदाय योजना का शुभारंभ भी जावरा से हुआ, वहीं विधानसभा के 19741 हितग्राहियों के खातों में डली 86 लाख रुपए की राशि भी डलवाई, जावरा में सखी वन स्टॉप सेंटर भी खुलवाया। आईटीआई, सड़के, रपट पुलिया, हाथीखाना पुलिय पर ब्रिज निर्माण के साथ समुचे विधानसभा क्षैत्र में कई विकास कार्य किए। अरनीयापीथा स्थित कृषि उपज मंडी में लहसुन व प्याज मंडी प्लेटफार्म के साथ अड्डे का निर्माण कार्य करवाया।