– विरोध में उतरी महिलाएं, काम करने से रोका, पहुंची एसडीएम के पास
– एसडीएम बोले कंपनी ने जिला कलेक्टर से ली परमिशन, सक्षम न्यायालय से लाना होगा स्टे
जावरा। शहर की तिलक विहार कॉलोनी में बीते करीब 2 माह से बगीचे के पास निजी प्लाट पर मोबाईल टावर लगाने को लेकर कंपनी और कॉलोनीवासियों के बीच विवाद चल रहा हैं। पूर्व में कॉलोनीवासियों ने यह करते हुए काम रुकवा दिया कि कंपनी ने ना तो नपा से अनुमति ली हैं और ना ही एसडीएम से, ऐसे में बगैर अनुमति के टावर नहीं लगाया जा सकता हैं। रहवासियों की इस दलील पर अधिकारियों ने भी टॉवर लगाने के काम को रुकवा दिया। लेकिन कंपनी ने टॉवर लगाने की अनुमति सीधे जिला कलेक्टर से प्राप्त कर ली और पुन: कॉलोनी में टॉवर लगाने पहुंचे तो पुन: कॉलोनीवासियों ने विरोध प्रारंभ कर दिया। बुधवार को भी कॉलोनीवासियों ने काम को रुकवा दिया और सीधे अनुविभागीय कार्यालय पहुंचे और एसडीएम को पत्र सौंपकर काम रुकवाने की मांग की।
एसडीएम बोले सक्षम न्यायालय से लेना होगा स्टे –
महिलाओं से चर्चा करते हुए एसडीएम त्रिलोचन गौड ने बताया कि कंपनी को जिला कलेक्टर कार्यालय से टॉवर लगाने की अनुमति प्रदान की गई हैं, ऐसे में मामला उनके अधिकार क्षैत्र से बाहर का हैं, अब यदि कॉलोनीवासियों को काम रुकवाना हैं तो उन्है कमिश्नर कार्यालय या सिविल कोर्ट में अपील करना होगा। वहीं से उन्है स्टे लाना होगा। चूंकि कलेक्टर ने अनुमति दी हैं तो वे इस मामले में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। यदि बगैर किसी सक्षम न्यायालय के स्टे के कॉलोनीवासियों काम में रुकावट पैदा करेंगे तो उन पर शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण भी दर्ज हो सकता हैं। मोबाईल टॉवर आधारभूत संरचना में शामिल –
एसडीएम गौड ने बताया कि सड़क, पानी, बिजली के साथ ही अब मोबाईल टॉवर को भी तकनिकी दृष्टि से आधार भूत संरचना में शामिल हैं, संचार माध्यमों को भी विकास के पैमाने के रुप में लिया जाता हैं, ऐसे में टॉवर का विरोध करने या स्टै के लिए कॉलोनाईजरों को कानुनी तरीके से ही काम करना होगा।