जावरा। भारत वर्ष का विशेष महत्वपुर्ण पर्व जिसका उल्लेख केवल श्री रामचरित मानस मे मिलता है कि श्री रामलला को वनवास के उपरांत विश्वालय मे स्थापित किया जा रहा है। हालाकि इस प्रक्रिया मे करीब 500 वर्ष लग गये। अवसर था अयोध्या मे श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का। इसके उपलक्ष्य मे स्थानीय सेंट पॉल कॉन्वेन्ट स्कूल मे संगीत मय सुन्दर काण्ड का आयोजन किया गया। साथ ही विद्यार्थियों द्वारा राममय प्रस्तुतियां दी गयी। कार्यक्रम मे विद्यार्थियों के अतिरिक्त पालक गण भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। उसके उपरांत बच्चों ने नृत्य, कवीता और भजनों से सभी का मन मोह लिया। ऐसा लग रहा था मानो विद्यालय अयोध्या बन गया हो और श्री रामलला अपने घर पधारे हो। सुंदरकांड के आयोजन के मध्य भजनों पर सभी विद्यार्थियों ने थिरक कर अपनी स्तुति श्री राम के चरणों मे अर्पित की। विद्यार्थियों ने पटाखे जला कर श्री राम दिवाली उत्सव में आंनदित हो गए।
संस्था के प्राचार्य देवेन्द्र मूणत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुरोध अनुसार विद्यालय मे श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा के महोत्सव के हर्ष के साथ मनाया। मूणत ने कहा कि श्रीराम एक आदर्श है, जिन्होने एक उन्नत समाज की रचना की, जिसमे सभी समाज जन संपन्न और आरोग्य से युक्त हो गए। उनके आदर्श को हमे अपने चरित्र मे उतारने की आवश्यकता है। संस्था के मैनेजर भाविक मूणत ने बताया कि हम इस प्रकार के आयोजन सदेव से करते रहते है जिससे महापुरुषों के व्यक्तित्वों को हम चरितार्थ करें और जीवन मे उच्च सफलता अर्जित कर सके। मूणत ने सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षक शिक्षिकाओं को सफल आयोजन के लिये और श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा की अग्रीम शुभकामनाएं दी।