जावरा l ग्राम रियावन मैं स्वामित्व योजना में हुए ड्रोन सर्वे में हुए घोटाले को लेकर सोमवार को जनपद के दल ने रियावन ग्राम पंचायत मैं दस्तावेज़ की छानबीन कर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बनाई थी उसी क्रम में पंचायत सचिव द्वारा भी बुधवार को जनपद कार्यालय मैं एक प्रतिवेदन जमा करवाया गया है जिसमें भूखण्ड क्रमांक 377/1,377/2 व 377/3 किस आधार पर भवन पंजी में दर्ज हुए और किस आधार पर उक्त भूखण्ड का नामांतरण किया गया उसके बारे मैं जानकारी दी गई उक्त जानकारी में आपको बता दें कि ग्राम पंचायत में ना ही भूखण्ड पंजी है और ना ही नामांतरण जिस रजिस्ट्री के आधार पर हुआ वो रजिस्ट्री है इस हेतु सोमवार को ही ग्राम पंचायत रियावन के सरपंच संतोष सोनार्थी, पूर्व जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेश धाकड़ व पंच गौरव जैन ने उप पंजीयक कार्यालय जावरा मैं संपर्क कर रजिस्ट्री क्रमांक MP319532019A1813317, MP319532019A1813258, MP319532020A1029164 की प्रमाणित प्रतिलिपि और रजिस्ट्री के दौरान रजिस्ट्री कराने हेतु प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि की मांग पंचायत द्वारा की गई l जिस उप पंजीयक कार्यालय द्वारा रजिस्ट्री की प्रमाणित प्रतिलिपि तो उपलब्ध करवा दी गई है परन्तु रजिस्ट्री के दौरान प्रस्तुत दस्तावेज अभी तक उपलब्ध नहीं करवाए गए है उम्मीद है कि उक्त दस्तावेज़ भी एक दो दिन में उप पंजीयक कार्यालय द्वारा ग्राम पंचायत रियावन को उपलब्ध करवा दिए जाएंगे उसके बाद ही संबंधित सरपंच सचिव पर जॉच कर कार्यवाही की जाएगी क्योंकि सबसे महत्व पूर्ण दस्तावेज़ वो पंचायत के प्रमाण पत्र है जिनके आधार पर रजिस्ट्री हुई है वहीं से पूरे घोटाले पर से पर्दा उठेगा और जिम्मेदारों पर कार्यवाही होगी ।रियावन_पंच गौरव जैन ने छः वर्ष पूर्व ही शिकायत कर पंचायत की गड़बड़ी के बारे मैं विभाग को चेता दिया था । ग्राम पंचायत रियावन में हुई गड़बड़ी मैं रोज नए नए मामले सामने आ रहे हैं उसी क्रम मैं पंच गौरव जैन ने बताया कि उनको पंचायत में गड़बड़ियों का एहसास पहले ही हो गया था इस कारण उन्होंने विस्तृत जानकारी के साथ सत्रह पेज का शिकायती आवेदन मय साक्ष्य के साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी पिपलौदा को 27 जुलाई 2018 को दिया था साथ ही तत्कालीन सरपंच के विरुद्ध भी अनियमितताओं का एक आवेदन आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओ डब्ल्यू) शाखा उज्जैन को 26 मार्च 2018 को दिया था परन्तु पंच जैन का कहना है के उस समय के जांच अधिकारियों द्वारा विस्तृत रूप से जांच नहीं की गई साथ ही जांच मैं कई प्रकार की अनियमितता की गई व केवल खाना पूर्ति कर जांच को बंद कर दिया जबकि इस नहीं होना था
जैन का कहना है कि अगर सही से जांच होती तो उसी समय सब घोटाला सामने आकर ओर पंचायत का रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहता ।
हमारे द्वारा प्रतिवेदन टोकन बनकर भोपाल वरिष्ठालय को भेज दिया गया है जल्द से जल्द ग्राम पंचायत को दस्तावेज़ उपलब्ध करवा दिए जाएंगे । – महेश कश्यप, उप पंजीयक जावरा