– पूर्व में पुलिस वेरिफिकेशन के आधार पर होता था चयन, लेकिन वक्फ बोर्ड में यह नियम हुआ शिथिल
– पुरे प्रदेश की सभी वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियों की इंतेजामियां कमेटी में विधायकों की अनुशंसा के बगैर नहीं हुआ मनोनयन
जावरा। मध्यप्रदेश में वक्फ बोर्ड की सभी सम्पत्तियों की देख रेख के लिए वक्फ बोर्ड द्वारा इंतेजामिया कमेटी बनाई जाती हैं, पूर्व में कमेटी में मनोनयन के लिए पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य था, लेकिन वर्तमान में वक्फ बोर्ड का यह नियम शिथिल हो गया हैं, अब प्रदेश की सभी इंतेजामियां कमेटियों में पद पाने के लिए स्थानीय विधायक की अनुशंसा अनिवार्य हैं। ताकि वक्फ बोर्ड हर किसी को पद पर आसीन नहीं कर सके, सभी कमेटियों में जो भी पदाधिकारी व सदस्य नियुक्त होंगे वे केवल स्थानीय विधायक के लेटर पेड के बाद ही होंगे, ऐसे में अब इन कमेटियों में पद पाने के लिए पद लोलुप्त सदस्य विधायकों के आगे पीछे घुम रहे हैं।
जावरा शहर में मुख्य रुप से हुसैन टैकरी, अबु सईद सरकार और जामा मस्जिद के साथ ही अन्य बड़ी मस्जिदों और कब्रीस्तानों के संचालन और देख रेख के लिए वक्फ बोर्ड इंतेजामिया कमेटी बनाई जाती हैं, फिलहाल हुसैन टैकरी के साथ ही कई बड़ी मस्जिदों की कमेटियों का समय पुरा होने आया हैं, ऐसेे में अब नई कमेटी में पद पाने के लिए कई लोग अपने अपने हिसाब से लगे हैं, लेकिन पद उन्है ही मिलेगा जिनके नाम पर जावरा विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय की मुहर लगेगी। ऐसे में जावरा शहर के कई पद लोलुप्त विधायक के आसपास घुमते नजर आ रहे हैं। यह मामला पुरे शहर में चर्चा का भी विषय बना हुआ हैं। हर कोई जावरा की हुसैन टैकरी तथा अबु सईद सरकार की कमेटी में स्थान पाने के लिए अपने अपने हिसाब से जेक लगाकर विधायक से अनुशंसा पत्र पाने की जुगत लगा रहे हैं।
Subscribe to Updates
Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.