– सहारा पीडि़तों के साथ शहर थाने पर पहुंचकर थाना प्रभारी को दिया आवेदन
– 6 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर पुन: होगा प्रदर्शन
– सोलंकी बोले जब तक निवेशकर्ताओं की पाई पाई का भुगतान नहीं हो जाता तब तक जारी रहेगा संघर्ष
जावरा। जनआंदोलन न्याय मोर्चा के माध्यम से देश के करोड़ों सहारा पीडि़तों की राशि लोटाने की मांग को लेकर दिल्ली और लखनऊ तक लंबे समय से जारी संघर्ष अल्प विराम के बाद पुन: जीवित हो गया हैं। सहारा पीडि़तों के साथ धोखाधड़ी के इस मामले में सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहित 16 अन्य पर दर्ज किए प्रकरणों के बाद अब इस मामले में देश के गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह को भी धारा 406, 420 के तहत आरोपी बनाए जाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में सहारा पीडि़त मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष विरेन्द्रसिंह सोलंकी और निजाम काजी के नेतृत्व में शहर थाने पर पहुंचे और प्रकरण करने का आवेदन प्रस्तुत किया। वहीं मामले में आगामी 6 अगस्त को दिल्ली में जंतर मंतर पर न्याय मोर्चा द्वारा जंगी प्रदर्शन किए जाने और उसमें अधिक से अधिक की संख्या में सहारा पीडि़तों के शामिल होने का अनुरोध भी किया हैं।
शुक्रवार को दोपहर करीब साढ़े 11 बजे सहारा पीडि़त शहर थाने पर पहुंचे और केन्द्रीय मंत्री अमित शाह को इस मामले अरोपी बनाने की मांग को लेकर थाना प्रभारी जितेन्द्रपालसिंह जादौन को आवेदन पत्र सौंपा। पत्र में पीडि़तों ने बताया कि गत 03 जनवरी 22 को जावरा निवासी दिलीप राव तथा अन्य की रिपोर्ट पर सहारा प्रमुख सुब्रत राय, सपना राय सहित कंपनी के 16 डायरेक्टरों पर धारा 406, 420 भा.द.स. तथा म.प्र. में निष्क्षेपको के हिंतो का संरक्षण अधिनियम 2000 के धारा 6 (1) के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया था, जिसमें अब तक मात्र दो आरोपी देवेन्द्र शर्मा तथा करूणेश अवस्थी की गिरफ्तारी हुई है, उक्त एफ.आई.आर. के पश्चात् सहारा पीडि़तो की राशि के भुगतान की कार्यवाही चल ही रही थी। इसी दौरान दिनांक 29 मार्च 2023 को केन्द्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने पुरे देश के समक्ष टेलीविजन चेनलों तथा समाचार पत्रो को बयान दिया कि हमने सभी सहारा पीड़ितों की राशि वापिस करने की निर्णय किया है, अगले 9 माह में सहारा इण्डिया कंपनी की ठगी से पीडित 10 करोड़ से अधिक निवेशकों की एक-एक पाई वापिस करेंगे जिसके प्रथम चरण में प्रत्येक पीड़ित को 10 हजार रूपये तक की राशि अगले चार माह में उनके खातो में लोटाई जाएगी।घोषणा के बाद बना सहारा सेबी रिफण्ड पोर्टल –
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह की घोषणा के बाद तत्काल देशभर के सहारा पीडि़तों की राशि लोटाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा सहारा सेबी रिफण्ड पोर्टल बनाकर पीडि़तों को भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई हैं। वहीं समस्त राज्य सरकारों को भी सहारा प्रबंधन के विरूद्ध प्रारंभ की गई सभी कानूनी प्रक्रियाओं को रोकने के निर्देश जारी कर दिए, जिसके बाद कार्रवाई पर विराम लग गया। वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने रीट याचिका क्रमांक 191/2022 (पिनाक पाणी मोहंती बनाम भारत संघ और अन्य) में दिनांक 29 मार्च 23 को यह आदेश दिया था कि सेबी के पास सहारा की कुल जमा नगद राशि 24,979.67 करोड़ में से प्रथमत: 5 हजार करोड़ की राशि सेन्ट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कॉपरेटीव सोसायटी नईदिल्ली को जारी किया जावे, तथा जब यह राशि पीडि़तो की बंट जावे तो शेष राषि तत्काल जारी की जावे। झुठे निकले केन्द्रीय मंत्री के दावे –
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने घोषणा अनुसार सहारा समूह की चार बुहराज्यीय सहकारिता समितियों अर्थात् सहारा क्रेडिट कोपरेटिव सोसायटी, सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपर्पस सोसायटी, हमारा इण्डिया क्रेडिट कोपरेटिव सोसायटी तथा स्टार मल्टीपर्पस सोसायटी के जमाकर्ताओं को उनकी वैध धनराशि के रिफण्ड के दावे की प्रस्तुति के 18 जुलाई 23 को सी.आर.सी.एस. द्वारा सहारा रिफण्ड पोर्टल बनाया गया तथा मंत्री के दावे अनुसार प्रत्येक आवेदक को शुरू के चार माह में प्रथम किश्त के रूप में 10 हजार तथा शेष सम्पूर्ण राशि 9 माह में अदा की जाना थी, तथा सहारा की शेष कंपनियों की राशि की अदायगी 4 कॉपरेटिव सोसायटियों की राशि निवेशको को मिलने के उपरांत दिये जाने का दावा किया गया। केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के इस झुठे दावे तथा प्रलोभन के बाद सहारा समूह के विरूद्ध गत 15 माह से सभी तरह की कानूनी कार्यवाहियां रोक दी गई परन्तु करीब 15 माह बीत जाने के बाद भी सहारा पीडि़त दर-दर की ठोकरे खा रहें है, तथा उन्हें सम्पूर्ण राशि तो ठीक प्रथम किश्त की 10 हजार रूपये की राशियां भी प्राप्त नहीं हुई और इस तरह केन्द्रीय के दावे झुठे साबित हुए। महज 341 करोड़ की धनराशि का ही भुगतान हो पाया –
सी.आर.सी.एस. दिल्ली द्वारा सूचना के अधिकार के तहत 08 जुलाई 2024 को दी गई जानकारी के अनुसार जून 2024 तक देशभर के लगभग 1 करोड़ 24 लाख जमाकर्ताओं ने 85 हजार 806 करोड़ रूपये की धनराशि के लिए पोर्टल पर क्लेम किए, जिसमें से मात्र 3 लाख 91 हजार 767 जमाकर्ताओं को 341 करोड़ रूपये की धनराशि का भुगतान हुआ है। जावरा क्षेत्र के हजारो निवेशकों में से कुछ नाममात्र के लोगो का ही भुगतान रिफण्ड पोर्टल बनने के बाद हो पाया है, तथा शेष सभी आवेदनों को जानबुझकर देशभर की तरह अनावश्यक कमियां निकालकर रिजेक्ट किया जा रहा है। सहारा समूह द्वारा भी अब तक सी.आर.सी.एस. को 2.86 करोड़ जमाकर्ताओं का ही डाटा उपलब्ध करवाया गया है।धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से बनवाई गई ऐसी पॉलिसी –
आवेदन में बताया कि केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने जान बुझकर देश के करोड़ो सहारा निवेशको से धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से तथा हिन्दुस्तान के सबसे बड़े आर्थिक घोटाले के अपराधियों को बचाने के लिए आरोपियों से मिलीभगत कर ऐसी पॉलिसी बनवाई ताकि वर्षों तक सहारा पीडि़तो को उनके हक की राशि का भुगतान न हो तथा आरोपियों को कानूनी सरंक्षण भी मिलता रहे।
इनकी रही उपस्थिति –
शहर थाना प्रभारी जितेन्द्रपालसिंह जादौन को केन्द्रीय मंत्री को आरोपी बनाए जाने को लेकर आवेदन देने के दौरान प्रदेशाध्यक्ष विरेन्द्रसिंह सोलंकी, निजाम काजी, गिरजाशंकर दायम, प्रकाश धाकड़, रामगोपाल गेहलोत, दिनेश सैनी, इदरीश, मुकुंद सोलंकी, जीवन दायम, राजेश सालित्रा, शैलेश छाजेड़, राजेंद्र सिंह सोलंकी, जगदीश माली, पवन अखेडिया, भगवानदास बैरागी, दिनेश राठौर, प्रवीण जैन, निजाम काजी, कान्हा हाड़ा, इमरान मंसूरी, कपिल श्रीवास्तव, पंकज चारोडिया के साथ आसपास गांव से भी जमाकर्ता उपस्थित रहे।