– नगर में रेलवे ट्रेक दोहरीकरण कार्य में आया रोड़ा, काम शुरु हुआ तो विवेकानंद कॉलोनीवासियों ने रुकवाया काम, बोले पहले, सड़क फिर काम
– रेलवे अधिकारियों ने तिलक नगर बगीचे की जमीन अधिगृहण के लिए नपा को भेजा पत्र
– सीएमओ बोली परिषद में रखेंगे, यदि देरी हुई तो परिषद की प्रत्याशा में दे दी जाएगी काम की अनुमति
जावरा। रतलाम से नीमच तक रेलवे दोहरीकरण का काम तेजी से जारी हैं। जावरा शहर के बाहर की सीमा में दोहरीकरण का काम करीब करीब पुरा होने आया हैं, लेकिन शहरी क्षैत्र में दोहरीकरण काम शुरु होने से पहले ही काम में रोड़ा आ गया हैं। दोहरीकरण के इस काम में ओर कोई नहीं बल्कि अधिकारी ही जिम्मेदार हैं। 31 जनवरी 24 को रेलवे अधिकारियों ने तत्कालीन एस डी ऍम अनिल भाना कि अनुमति से लेआउट तो डाल दिया था, लेकिन लेआउट डालने के बाद उक्त बगीचे की जमीन के अधिगृहण को लेकर कार्रवाई नहीं की, ऐसे में अब परेशानी आ रही हैं। रेलवे शहरी क्षैत्र में दोहरीकरण कार्य करना चाहता हैं, लेकिन साईड क्लिनर नहीं होने से काम में देरी हो रही हैं। मंगलवार को जब रेलवे ने काम करना शुरु किया तो विवेकानंद कॉलोनीवासियों ने विरोध दर्ज करवाते हुए काम को रुकवा दिया। रहवासियों ने तिलक नगर बगीचे से सीधी सड़क बनाने की मांग को लेकर काम को रुकवा दिया और रेलवे अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग की। इधर काम रुकने की सूचना के बाद तहसीलदार संदीप इवने राजस्व अमले के साथ मौके पर पहुंचे। साथ ही नपा सीएमओ दुर्गा बामनिया, इंजिनियर शुभम सैनी, लोकेश विजय भी मौके पर पहुंचे और रहवासियों से चर्चा की लेकिन रहवासी केवल सड़क की बात पर ही अडे रहे और काम को शुरु नहीं होने दिया। इधर लम्बे समय से कई समाचार पत्रों और मीडिया में जमीन को लेकर समाचार लगाये लेकिन किसी भी जवाबदार अधिकारी ने इस और ध्यान नहीं दिया, ऐसे में अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है l
रेलवे अधिकारी पहुंचे और देखा मौका –
दोपहर करीब 4 बजे रेलवे अधिकारी जेके त्रिपाठी जावरा पहुंचे और रहवासियों के साथ ही राजस्व और नपा के अधिकारियों से चर्चा की। कॉलोनीवासियों ने कहा कि उन्है तिलक नगर बगीचे होकर कॉलोनी तक सीधा रास्ता चाहिए, जिस पर त्रिपाठी ने कहा कि उन्है कोई आपत्ती नहीं हैं। बगीचे की जमीन से रास्ता निकाल देंगे। लेकिन चंूकि अब तक बगीचे की जमीन का अधीगृहण रेलवे के पक्ष में नहीं हुआ हैं, ऐसे में सड़क बगीचे से नहीं निकल पाएगी। इधर अंडर ब्रिज भी इसी बगीचे से होकर गुजर रहा हैं तो बगीचे की जमीन का अधिगृहण करने के साथ ही विवेकानंद कॉलोनी तक पहुंचने के लिए जो भी निजी जमीन आ रही हैं, रेलवे उसका मुआवजा देने के लिए तैयार हैं।
रहवासियों के साथ देखा वैकल्पिक मार्ग –
मंगलवार को दोपहर में जावरा पहुंचे रेलवे अधिकारियों ने तहसीलदार, सीएमओ और कॉलोनीवासियों के साथ मिलकर वैकल्पिक मार्ग देखा लेकिन बात नहीं बनी, ऐसे में मंगलवार को दोहरीकरण के लिए होने वाली खुदाई को रोकना पड़ा। रेलवे को दोहरी करण के लिए पटरी के समीप की दीवार को तोडऩा हैं साथ ही विवेकानंद कॉलोनी मेन रोड़ की जमीन भी काम के लिए चाहिए। ऐसे में जब तक साईट क्लियर नहीं होती हैं तब तक काम नहीं हो सकेगा। परिषद की बैठक में रखेंगे प्रस्ताव –
मंगलवार को मौका देखने के बाद रेलवे अधिकारी जेके त्रिपाठी ने नपा सीएमओ दुर्गा बामनिया और तहसीलदार संदीप इवनले से तिलक नगर बगीचे के अधिगृहण को लेकर चर्चा कि, जिस पर सीएमओ ने कहा कि रेलवे जमीन अधिगृहण के संबंध में आधिकारिक रुप से पत्र प्रदान करें, जिसे वे परिषद की बैठक में रखेगी। यदि उसमें देरी होती हैं तो परिषद की प्रत्याशा में रेलवे को काम की अनुमति दे दी जाएगी। जिस पर रेलवे अधिकारियों ने तत्काल ईमेल द्वारा पत्र नपा को भेज दिया।
10 दिन वैकल्पिक मार्ग से चलाए काम –
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि बगीचे की जमीन अधिगृहण की कार्रवाई होने में करीब 10 से 15 दिन लगेंगे ऐसे में काम में देरी होगी। रहवासी दस दिन कॉलोनी के अन्य वैकल्पिक से उपयोग कर लेवें। बगीचे की जमीन मिलते ही सीधा रोड़ बना दिया जाएगा। अधिकारी बोले हमें जितनी जमीन मिलेगी हम उसके हिसाब से रोड़ बनाएंगे।