– डेढ़ साल पहले थादंला पुलिस के बुलावे पर परिजनों ने युवति की शिनाख्त भी कर अंतिम संस्कार भी कर दिया
– युवति को मृतक समझ परिवार ने शोक निवारण और श्राद्ध तक कर दिया
– मामले में कहां हुई चुक, जिम्मेदार कौन … ?
जावरा। मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा से लगा मंदसौर जिले के भानपुरा में अजब मामला सामने आया हैं, मामले में भानपुरा तहसील के गांव नावली के बाछड़ा समुदाय की एक युवति जो कि एक युवक के साथ गई थी, उसकी हत्या के आरोप में 4 आरोपी जेल काट रहे हैं। वहीं युवति करीब 18 माह बाद जिंदा गांधी सागर पुलिस थाने पर पहुंची ओर अपनी पहचान बताई। इतना हीं नहीं थांदला पुलिस को एक शव मिला था, जिस पर थांदला पुलिस के बुलावे पर युवति के परिजनों ने मृत युवति की शिनाख्त उनकी पूत्री के रुप में करते हुए उसका अंतिम संस्कार, शोक निवारण और वार्षिक श्राद्ध भी कर दिया। मामले में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई, इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं .. ? जबकि जिस युवक के साथ युवति गई थी, उसने ही उसे किसी ओर को 5 लाख रुपए में बेच दिया, उसके बाद जब पुलिस ने युवक को पकड़ा तो क्या उसने पुलिस को यह बात नहीं बताई होगी .. ? क्या पुलिस ने मामले में सही से जांच नहीं की, थांदला पुलिस ने जिस शव की शिनाख्ती के लिए परिजनों को बुलवाया, डीएनए टेस्ट के लिए सेम्पल भी लिए गए, फिर भी क्या पुलिस ने डीएनएस टेस्ट नहीं करवाया ..? यदि करवाया तो डीएनए मेच कैसे हो गया .. ? मामले में ऐसे कई अनसुलझे सवाल खड़े कर दिए हैंं, साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं .. ?
मामले में मंदसौर जिले के भानपुरा तहसील के गांव नावली में रहने वाली मृतक महिला ललिता बाई ने 18 महीने के बाद भानपुरा तहसील के गांधी सागर थाने में प्रस्तुत होकर अपने जिंदा होने का बयान दिया। ललिता ने अपना आधार कार्ड व दस्तावेज भी दिखाए, युवति के जिंदा होने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया हैं। ललिता पिता रमेश नानूराम बांछड़ा ने बताया कि वह शाहरुख के साथ में भानपुरा गई थी, वहां दो दिन रही, लेकिन शाहरुख ने उसे किसी अन्य शाहरुख नामक व्यक्ति को करीब 5 लाख रुपए में बेच दिया। जिस पर दुसरा शाहरुख उसे अपने साथ कोटा ले गया। कोटा पहुंचने के बाद करीब डेढ़ साल तक वहीं कोटा में रही, लेकिन डेढ़ साल बाद मौका पाकर वह कोटा से भागकर रावतभाटा आई और रावतभाटा से सीधे अपने घर पहुंच गई और अपने परिजनों को उसके जिंदा होने तथा उसके साथ हुई घटना बताई। जिस पर पिता उसे सीधे गांधी सांगर पुलिस थाने पर ले गए और उसके जिंदा होने की जानकारी दी। ललिता ने पुलिस को अपना आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड आदि दस्तावेज दिखाएं, ललिता के दो बच्चे भी हैं डेढ़ साल बाद अपनी मां को जीवित देखकर बच्चे खुश हुए, उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं हैं। क्षतिग्रस्त बॉडी मिली थी, कद काठी बिलकुल ललिता जैसी थी –
इधर ललिता के पिता ने बताया कि दिनांक 9 सितंबर 2023 को एक वीडियो के माध्यम से थांदला पुलिस द्वारा हमें बुलाया गया। वहां जाकर संपर्क पर हमने पाया कि पुलिस को एक क्षतिग्रस्त बॉडी मिली हैं, उसकी शिनाख्ती करने के लिए बुलाया गया हैं, जब हमने बॉडी देखी तो उसकी कट काठी ललिता की ही तरह थी, लेकिन उसका चेहरा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त था, उसके हाथ पर भी नाम गुदा हुआ था, ललिता की तरह बॉडी में पैर में एक काला डोरा बंधा हुआ था। बॉडी हूबहू ललिता जेसी ही दिखाई दे रही थी। जिस पर उन्होने उसकी शिनाख्त ललिता के रुप में कर ली, पीएम के बाद शव को ले जाकर उसका दाह संस्कार भी कर दिया। पिता बोले पुलिस ने खुन का सेम्पल भी लिया था –
थांदला पहुचें ललिता के पिता ने बताया कि पुलिस ने उसकी पत्नी और उसके खुन का सेम्पल भी लिया था, लेकिन उसकी जांच करवाई की नहीं उसकी जानकारी उनके पास नहीं हैं। ऐसे में अब सवाल यह उठना हैं कि जब पुलिस ने डीएनए टेस्ट के लिए सेम्पल लिया था, तो क्या उसका टेस्ट नहीं करवाया था, यदि करवाया था तो यह कैसे संभव है कि किसी और का डीएनएस उसके माता पिता के खुन से मेच हो जाए, या तो पुलिस ने मामले को रफा दफा करने के उद्देश्य से टेस्ट करवाया ही नहीं हैं और जब माता पिता ने शिनाख्त कर ली तो उन्है शव सुर्पूद भी कर दिया। थांदला पुलिस ने शाहरुख सहित चार आरोपियों पर दर्ज किया प्रकरण –
ललिता के माता पिता द्वारा शिनाख्ती के बाद थांदना पुलिस ने मामले में हत्या का प्रकरण दर्ज कर चार आरोपी भानपुरा के इमरान, शाहरुख, सोनू और एजाज को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया। बीते करीबन डेढ़ साल से चारो आरोपी हत्या के आरोप में जेल काट रहे हैं। लेकिन 18 माह जब ललिता पुन: जीवित होकर अपने गांव लोटी तो अब आगे जेल में बंद आरोपियों को किस बात की सजा दी गई, क्या यह उनके साथ अन्याय नहीं हुआ । गजब के इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बहरहाल अभी तो ललिता अपने गांव नावली में अपने परिजनों और बच्चों के साथ निवास कर रही हैं।
उच्च अधिकारियों व थांदला पुलिस को दी सूचना –
गांधी सागर थाना प्रभारी तरुण भारद्वाज के बताया कि दो-चार दिन पहले ललिता हमारे थाने में आकर अपने जीवित होने की सूचना दी, हमने तुरंत गांव में वह आप पड़ोसी वह परिवार वालों से वेरीफाई करवाया कि यह वही लड़की हैं, गांव वालों और परिवारजनों ने इसकी पुष्टि की है कि यह ललिता ही हैं। जिसकी सूचना हमने उच्च अधिकारी व थांदला थाने को भी दे दी हैं।