– जावरा विधानसभा से 50 हजार से अधिक से लीड़ लेकर जीतने का दावा कर रही भाजपा
– विधानसभा के 276 पोलिंग बूथों पर दिखाई दी विधायक डॉ पाण्डेय की टीम
– समुचे विधानसभा में सांसद गुप्ता के चंद ही लोग वो भी गुप्ता के साथ फोटो में ही आते हैं नजऱ, मैदान से रहते नदारत
जावरा। मध्यप्रदेश में 13 मई को हुए चौथे चरण के मतदान के साथ ही मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों पर मतदान समाप्त हो चुका हैं। इसी कड़ी जावरा मंदसौर संसदीय क्षैत्र की सीट पर भी भाजपा के सुधीर गुप्ता और कांग्रेस के दिलीपसिंह गुर्जर का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया हैं। जीत किसके हिस्से में आएगी यह तो 4 जून को ही पता चलेगा, लेकिन परिणाम से पहले ही भाजपा जावरा विधानसभा से सुधीर गुप्ता को 50 हजार से अधिक की लीड़ से के साथ जीत का दावा कर रही हैं। यदि ऐसा होता हैं तो यह जीत सुधीर गुप्ता की नहीं बल्कि मोदी के मेजिक और जावरा के विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय और उनकी टीम की जीत होगी। क्यों कि इस पुरे चुनाव में भाजपा की और से विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय और उनकी कोर टीम, बूथ लेवल की टीम ही काम करती नजर आई हैं, क्यों कि सांसद गुप्ता ने बीते 10 सालों में केवल चंद लोगों को ही प्रमोट किया हैं और उन्हे ही सुविधाएं दी हैं। आम नागरिक या पार्टी के साधारण कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी पदाधिकारियों ओर जावरा विधानसभा से कोई वास्ता नहीं रहा हैं, लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी घोषित होने के बाद गुप्ता को जावरा विधानसभा में चुनाव जीतने के लिए कार्यकर्ताओं की आवश्यता लगी तो उन्है विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय की टीम ने सहारा दिया। चुनाव प्रचार से लेकर पोलिंंग बूथ तक पुरी टीम विधायक डॉ पाण्डेय की तैयार की गई टीम ही नजर आई। सांसद के भरोसेमंद केवल फोटो खिंचाते नजर आए –
13 मई को चोथे चरण के साथ जावरा मंदसौर लोकसभा सीट पर भी मतदान हुआ, जावरा विधानसभा में 276 पोलिंग बूथ पर भाजपा की टीम या यू कहें की विधायक डॉ पाण्डेय की टीम ने पोलिंग के अंदर से लेकर बाहर टेबल तक मोर्चा संभाला, मतदाताओं को घरों से निकाला और मतदान केन्द्र तक लेकर आए, लेकिन सांसद सुधीर गुप्ता ने बीते दस सालों के कार्यकाल में जिन लोगों को प्रमोट किया, जिन लोगों को सुविधाएं दी, वे मतदान वाले दिन भी गुप्ता के पोलिंग निरीक्षण के दौरान केवल कार में घुमते और फोटो खिंचाते ही नजऱ आए। हालाकि कुछ भरासेमंद सांसद के आने की सूचना मिलने पर पोलिंग बूथ के आसपास दिखाई दिए, लेकिन सांसद के लोटते ही वे भी नदारत हो गए।
पोलिंग एजेंट बैठाने में आ जाते पसीने –
बीते दस सालों में सांसद के कार्यकाल और जावरा विधानसभा को सुविधाएं या सौगात देने की बात करें तो कोई खास चीजे हैं नहीं। इतना ही नहीं सांसद को केवल उनके भरोसेमंद चंद लोगों के अलावा विधानसभा के पदाधिकारियों और आम कार्यकर्ताओं के नाम तक याद नहीं रहते हैं, चुनाव प्रचार से पहले जावरा में बैठक लेने आए सांसद को मंडल अध्यक्ष, महामंत्री जैसे पदाधिकारियों के नाम भी मालुम नहीं थे, ऐसे में चुनाव के दौरान यदि विधायक डॉ पाण्डेय की टीम विधायक और अपनी पार्टी के नाते बूथ लेवल पर काम नहीं करती तो सांसद सुधीर गुप्ता को पोलिंग बूथ पर कार्यकर्ता बैठाने में भी पसीने आ जाते।
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