– जिला स्तर पर अशासकीय शिक्षण संस्थाओं ने किया प्रदर्शन
– पुराने कलेक्ट्रेट से नए कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली
जावरा। माध्यमिक शिक्षा मंडल की नवीन मान्यता नीति के विरोध में म.प्र. प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ ने गुरुवार को सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में एक दिवसीय स्कूल बंद का आव्हान किया गया था। जिस पर रतलाम जिले के अधिकांश स्कूल बंद रहे। जिले में कुछ स्कूल खुले मिले, जिन्है गांधी गिरी से समझाईश देकर बंद में शामिल होने का अनुरोध किया। बंद के चलते जिले भर के सभी निजी स्कूल संचालक तथा प्राइवेट स्कूल संघ के पदाधिकारी पुराने कलेक्टोरेट में एकत्र हुए। यहां से रैली के रुप में नवीनल कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग कि निजी स्कूलों की ज्वलंत समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जाए। अशासकीय शिक्षण संघ के ज्ञापन में मांग कि कक्षा 1 से 8 वीं तक मान्यता रजिस्टर्ड किरायानामा, मान्यता शुल्क, एफडी में नवीनीकरण मान्यताओं में अनिवायर्तता समाप्त की जाना चाहिए, क्योकि डायवर्शन शुल्क एवं अपार 2.0 में रजिस्टर्ड किरायाना बनाने में कई दिक्कते है। साथ ही काफी खर्चा आ रहा है। रजिस्टर्ड किरायानामा, मान्यता शुल्क, एफडीआर टीई एक्ट में संशोधन लागू किया गया है जो कि अन्य राज्यों में नहीं है। इसे हटाया जाना चाहिए। कक्षा 1 से 8 वीं तक स्थाई मान्यता देने समेत 9 बिंदुओं के मांग के निराकरण का ज्ञापन सौंपा।
छोटे स्कूलों के अस्तित्व पर आएगा संकट –
मप्र प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपेश ओझा ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन की नई मान्यता नीति उन छोटे-छोटे निजी स्कूलों के अस्तित्व को संकट में डाल रही है, जो सीमित संसाधनों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का प्रयास करते हैं। यह नीति लागू होती है, तो बहुत से छोटे स्कूल बंद होने की कगार पर आ जाएंगे। एमपी बोर्ड से संचालित होने वाले स्कूलों पर रजिस्टर्ड किरायानामा समेत मान्यता के लिए 40 हजार रुपए की सुरक्षा निधि की राशि ली जाने का आदेश आया है जो स्वीकार नहीं है।
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