– सरस्वती पुरम पर संकुल स्तरीय आचार्य अभ्यास वर्ग संपन्न
जावरा। आचार्य परिवार अपने दायित्व के अनुरूप कार्य का संपादन करें, अगर एक शिक्षक गलती करता है तो देश की एक पीढ़ी बर्बाद हो जाती हैं अपने दायित्व का निर्वाह ईमानदारी से करें, शिक्षा में नवाचार को अपनाना बहुत जरूरी हैं, तभी आचार्य विद्यार्थी को हर क्षैत्र में निपूण बना सकता हैं। आज समय के साथ चलने की आवश्यकता हैं।
यह बात सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मालवा प्रांत के सह प्रांत प्रमुख सुंदरलाल शर्मा ने संकुल स्तरीय आचार्य अभ्यास वर्ग के दौरान आचार्य व दीदी को सम्बोधित करते हुए कहीं। सरस्वती शिशु मंदिर पहाडिय़ा रोड़ पर आयोजित एक दिवसीय अभ्यास वर्ग में ताल, आलोट, जावरा, ढोढर तथा कलालिया शिशु मंदिर के 150 आचार्य व दीदी सम्मिलित हुए। प्रात: काल से ही शारीरिक गीत व अभ्यास करते हुए विभिन्न शैक्षणिक सत्र संपन्न हुए, जिसमें आचार्य परिवार ने मार्गदर्शन प्राप्त किया। नई शिक्षा नीति से कराया अवगत –
उद्घाटन सत्र में गब्बर सिंह प्राध्यापक सरस्वती शिशु मंदिर सैलाना ने नई शिक्षा नीति के ऊपर आचार्य परिवार को मार्गदर्शन प्रदान किया। द्वितीय सत्र में पंचपदी पाठ योजना के बारे में सरस्वती शिशु मंदिर आलोट के प्राचार्य विष्णु श्रौत्रिय ने विस्तार से समझाया। सरस्वती शिशु मंदिर जावरा के सह व्यवस्थापक लोकेश शर्मा ने शिक्षण में टीएलएम का प्रयोग किस प्रकार से करें जिससे शिक्षा में नवाचार हो इसके विभिन्न उदाहरण आचार्य परिवार के समक्ष प्रस्तुत किये । समापन सत्र में उज्जैन विभाग समन्वयक महेंद्र भगत ने आचार्य परिवार का मार्गदर्शन किया।
इनकी रही उपस्थिति –
कार्यक्रम में विवेक भारती शिक्षण समिति के सचिव तन्मय सोनी कलालिया के प्राचार्य बिहारीलाल, ढोढर प्राचार्य गोपाल शर्मा, कलालिया प्राचार्य दुर्गा शंकर सांवरिया, कश्मीरी गली जावरा प्रधानाचार्य शीला सेन सहित आचार्य परिवार मौजूद रहा। आभार सरस्वती शिशु मंदिर जावरा की प्राचार्य रेनू बाला शर्मा ने माना।
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