जावरा। सरस्वती शिशु मंदिर ढोढर के पास रोड़ किनारे स्थित घर के बाहर बरामदे में सो रहे बुजुर्ग की आग में झुलसने से मौत हो गई, घटना इतनी दिल दहला देने वाली थी, कि जिस पलंग पर बुर्जूग सोए थे, वही पलंग बुर्जूग की चिता बन गया। सुबह तक पुरा शरीर जलकर राख हो गया, पलंग पर सिर्फ हड्डिया ही बची रही। सूचना मिलने पर सुबह पुलिस मौके पर पहुंची और बचे हुए अवशेष को पीएम के लिए जावरा के सिविल हास्पीटल भेजा। सूत्रों की माने तो आगजनी की यह घटना शार्ट सर्किंट से होना बताया हैं, लेकिन रात में आग लगने के बाद बुर्जूग चिल्लाए नहीं हो, ऐसा संभव नहीं हैं, रात में लगी आग को रात भर में किसी ने नहीं देखा, इसे में बुजुर्ग कि मौत रहस्यमयी लग रही है , बहरहाल सुबह जब देखा तब तक देवीलाल पिता धनराज (75) की जलकर मौत हो चुकी थी। घटना के दौरान बुजुर्ग दम्पत्ति घर पर अकेले ही थे, बुर्जूग बाहर सो रहे थे, उनकी पत्नी घर के अंदर सोई थी। सूचना मिलने पर चौकी प्रभारी सत्येंद्र रघुवंशी मय फोर्स के मौके पर पहुंचे कुछ देर बाद एसडीओपी शक्ति सिंह भी मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना कर शव को पीएम के लिए भिजवाया पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले में जांच प्रारंभ की हैं।
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