जावरा। पीकअप वाहन में ठुस ठुस कर 6 गौवंश को वध हेतु भरकर परिवहन करने वाले दो आरोपियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जावरा एन.एस. ताहेड ने धारा 6 सह पठित धारा 9 (2) म. प्र. गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 के तहत दोषी पाते हुए एक एक वर्ष के कठोर कारावास और अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया हैं।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी भूपेन्द्र कुमार सांगते ने बताया कि थाना जावरा शहर पुलिस को 30 अक्टुबर 2017 को सूचना मिली कि एक महिन्द्रा पीक अप बुलेरो वाहन क्रमांक एमपी 14 जीबी 1748 जिसके उपर एक तिरपाल बंधा होकर डाले के बीच में एक लोहे की जाली लगी होकर उपर प्लास्टिक के खाली कट्टो में चावल का भुसा भरा होकर निचे अवैध पशु को निर्दयता पूर्वक ठूस ठूस निचे बिठाकर कर भर रखे थे। उक्त महिन्द्रा पीक अप बुलेरो वाहन जावरा चोपाटी होते हुये दाहोद गुजरात तरफ जाने वाला है। मुखबीर सूचना अनुसार पुलिस द्वारा नाकाबंदी की थोड़ी देर के बाद उक्त पीक अप बुलेरो मंदसौर तरफ से आता दिखा। जिसे पुलिस ने हमराह फोर्स की मदद से रोककर ड्राईवर का नाम पता पुछने पर उसने अपना नाम आबिद पिता मुस्ताक (35) नि बामनिया डेरा मुल्तानपुरा मंदसौर व साथ में बेठे व्यक्ति ने अपना नाम अप्पू पिता मोहम्मद (21) निवासी मुल्तानपुरा मंदसौर का होना बताया।
वाहन में क्रुरता से भरे थे 6 गोवंश –
महिन्द्रा वाहन को चैक करने पर उसमें महिन्द्रा वाहन के अंदर ठुस-ठुस कर 06 गौवंश भरे होना पाये गये, सभी गौवंश के मुंह रस्सीयो से बांध रखे थे। जिनके चारे पानी की कोई व्यवस्था नही थी। चालक अभियुक्त आबिद से उक्त गौवंश को लाने व ले जाने के सबंध में परमीट का पूछने पर, उसने परमिट नही होना बताया। उक्त गौवंश को राजस्थान जंगल से भरना तथा वध हेतु दाहोद गुजरात तरफ ले जाना बताया। आरोपीगण का उक्त कृत्य धारा 4, 6, 9, म.प्र. गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम एवं 11डी पशु क्रुरता निवारण अधिनियम के तहत दंडनिय पाए जाने से पुलिस द्वारा गोवंश व वाहन को जप्त किया गया एवं आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया। थाने पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
साक्ष्य के आधार पर सुनाई सजा –
प्रकरण में अभियुक्तगण के विरुद्ध अभियोगपत्र न्यायालय मे प्रस्तुत किया गया। जहां न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत साक्ष्य एवं तर्को के आधार पर आरोपीगण आबिद और अप्पू के विरूद्ध धारा 6 सहपठित धारा 9(2) म.प्र.गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 में एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास व 5000-5000 रुपयें अर्थदण्ड से दंडित से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से सफल पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी भुपेन्द्र कुमार सांगते जावरा द्वारा की गई।
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