– बोलो मेरी सारी सम्पत्तियां निलामी की कगार पर पहुंची गई इसलिए उठाना पड़ा ये कदम
– मध्यप्रदेश शासन से 11 करोड़, मंडी बोर्ड से 7 करोड़ की सब्सीडी और करीब साढ़े 3 करोड़ का कोविड लोन भी मिला
– कुट रचित दस्तावेज बनाकर फैक्ट्री मुंबई की एक पार्टी को बेचने का लगाया आरोप
– पूर्व डायरेक्टर भूपेन्द्र डांगी ने मुकेश चंडालिया और नितीन चंडालिया पर एफआईआर दर्ज करने सीएसपी को सौंपा आवेदन
– डांगी ने मामले की सीबीआई जांच करवाने के साथ मामला हाई कोर्ट तक ले जाने की बात कहीं
– डांगी ने चंडालिया के साथ बैंक अधिकारियों और नोटरी करने वाले अधिकारी को भी बनाया पार्टी
जावरा। शहर के अरनीयापीथा मंडी के स्थित मेसर्स शुभ रिद्धी एग्रीफुड्स प्रा. लि. में शमिल शहर के भूपेन्द्र डांगी और मुकेश चंडालिया परिवार के बीच की पार्टशीप और आपसी रिश्तेदारी महज चंद सालों में ही करोड़ों की धोखाधड़ी में तब्दील हो गई। आटा और मैदा बनाने की फैक्ट्री लगाने के नाम पर एक कंपनी बनाई और उसके मार्फत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एसएमई शाखा रतलाम से करीब 26 करोड़ रुपए के लोन लिया, वहीं मध्यप्रदेश शासन से 11 करोड़ की सब्सीडी और मंडी बोर्ड से 7 करोड़ रुपए की सब्सीडी तथा करीब साढे 3 करोड़ का कोविड लोन भी लिया गया, बाजार की भी करोड़ों रुपए की लेन देन के मामले में हेरा फैरी ओर धोखाधड़ी करने तथा कुट रचित दस्तावेज बनाकर उक्त फैक्ट्री को मुंबई की एक पार्टी को बेचने तथा लोन की राशि नहीं चुकाने के मामले में फर्म के पूर्व पार्टनर भूपेन्द्र डांगी ने मुकेश चंडालिया, नितीन चंडालिया के साथ बैंक अधिकारियों और गलत नोटरी करने वाले वकील पर एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर नगर पुलिस अधीक्षक दुर्गेश आर्मो को एक आवेदन पत्र सौंपते हुए मामले का खुलासा शनिवार को एक पत्रकार वार्ता के माध्यम से किया। डांगी ने बताया कि जब मेरी सारी सम्पत्तियां निलामी की कगार पर पहुंची तो उठाना पड़ा ये कदम, अब सीबीआई जांच और हाई कोर्ट में भी लगा रहे प्रीटिशन।
डांगी ने पत्रकार वार्ता में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मेसर्स शुभ रिद्धी एग्रीफुड्स प्रोडक्ट प्रा. लि. जावरा जिला रतलाम में मैदा, सुजी व आटे का उत्पादन हेतु संयंत्र स्थापित किया गया था, जिसमें प्रारंभ में मुकेश चण्डालिया, नितीन चण्डालिया व भुपेन्द्र कुमार डांगी द्वारा सयुंक्त रूप से उपरोक्त कम्पनी की स्थापना की गई थी, सयंत्रं के लिये भारतीय स्टेट बैंक शाखा रतलाम से उद्योग के लिये ऋण प्राप्त किया गया था। 12 जून 2019 को फैक्ट्री चालु की गई, करीब 6 माह ट्रायल करने के बाद विधिवत रुप से फैक्ट्री को चालु करते हुए प्रतिदिन 100 से 125 टन माल का प्रतिदिन उत्पादन किया जाने लगा। चुंकि चंडालिया और उनके बीच आपसी रिश्तेदारी थी, तो उन्होने इस और ज्यादा ध्यान नहीं दिया और इस फैक्ट्री के लिए करीब 80 प्रतिशत लागत लगाई थी, और दोनो की भागीदारी आधी आधी तय हुई थी, लेकिन इसके बाद भी दस्तावेजों में उन्है केवल 23 प्रतिशत का भागीदार बताया गया, 2021 में जब बैंक की और उन्है फैक्ट्री के सही से नहीं चलने संबंधी सूचना प्राप्त हुई तो उन्होने इस और देखा तो उन्है मामला गड़बड़ दिखा और कई आर्थिक अनियमितताएं मिली, जिसके बाद डांगी ने 07 जुलाई 2021 को कंपनी के डायरेक्टर पद से त्यागपत्र दे दिया और अपना शेयर मांग था साथ ही कंपनी में हो रही हेरा फैरी और धोखाधड़ी की सूचना भारतीय स्टेट बैंक की रतलाम शाखा, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीस ग्वालियर को दे दी थी। इसके बाद 29 सितंबर 23 को बैंक की और से उन्है 19 करोड़ 69 लाख रुपए की राशि बकाया बताते हुए उनकी सम्पत्ती को निलाम करने की सूचना दी गई।
बैंक ने मिली भगत के चलते नहीं की कार्रवाई –
लेकिन इसके बाद बैंक ने इस मामले को गंभीरता नहीं लिया। डांगी ने बताया कि लेकिन मुकेश चण्डालिया एंव इनके पुत्र सीए नितीन चण्डालिया एंव इनके परिवार की बैंक के अधिकारियों से मिलीभगत होने के कारण कोई कार्यवाही नही की गई। उक्त परिस्थितियों को देखते हुए भुपेन्द्र कुमार डांगी द्वारा मुकेश चण्डालिया के साथ दिनांक 30 जुलाई 2021 को आपस में दोनों द्वारा एम.ओ.यु. साइन करके मेसर्स शुभ रिद्धी एग्रीफुड्स प्रोडक्ट प्रा. लि. जावरा की कम्पनी एंव उद्योग (सयंत्रं) से अपनी समस्त देनदारी लेनदारी से मुक्त हो गए थे। उपरोक्त एम. ओ. यु. अनुसार में मुकेश चण्डालिया वह परिवार को भुपेन्द्र कुमार डांगी, भावना डांगी एंव हमारे परिवार की सम्पती को बैंक से बंधन मुक्त कराकर सम्पत्ति एंव बैंक की एनओसी सोपनी थी।
कुट रचित दस्तावेज बनाकर बेच दी फैक्ट्री –
लेकिन कम्पनी के डायरेक्टर मुकेश चण्डालिया, सीए नितीन चण्डालिया, मलका चण्डालिया एंव अन्य प्रमोटर द्वारा उद्योग संयंत्र को 19 जुलाई 2022 को मुंबई के उद्योगपति कुमुद ब्रजमोहन आर्य को कुटरचित दस्तावेज तैयार करके दस्तावेजों में हेर फेर कर एक नकली व फर्जी एम. ओ. यु. तैयार कर भुपेन्द्र कुमार डांगी व भावना डांगी का फोटो चिपकाकर बिना उनके हस्ताक्षर एंव बिना उनकी सहमती के जावरा न्यायालय में नोटरी से नोटराइज्ड करवाकर बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर उपरोक्त कम्पनी एंव उद्योग संयंत्र को कुमुद ब्रजमोहन आर्य मुबंई को बेच दिया गया एंव सुपुर्द कर दिया गया हैं। कम्पनी को बेचने के बाद कुमुद ब्रजमोहन आर्य व मुकेश चण्डालिया एंव नितिन चण्डालिया एंव अन्य प्रमोटर्स चण्डालिया परिवार द्वारा बैंक द्वारा दिए गये ऋण की राशि का नियम विरूद्ध उपयोग करते हुए कदाचरण बैंक कानुनों, नियमों का उल्लंघन कर उपरोक्त कम्पनी को घाटे में ला दिया जिससे भुपेन्द्र कुमार डांगी एंव उनके परिवार की बैंक में बंधक रखी सम्पत्ति, जिसे मुकेश चण्डालिया एंव नितिन चण्डालिया एंव अन्य प्रमोटर्स द्वारा बैंक से बंधक मुक्त कराना था, लेकिन बैंक अधिकारीयों द्वारा ऋण खाते को एनपीए कर दिया ओर नोटिस दिलवाकर भुपेन्द्र कुमार डांगी व उनके परिवार की बंधक रखी सम्पत्ति को निलामी की कगार पर खडा कर दिया गया।
इन लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की –
भुपेन्द्र कुमार डांगी, भावना डांगी ने मुकेश चण्डालिया, नितिन चण्डालिया, मलका चण्डालिया, राजेश चण्डालिया, अशोक चण्डालिया, महेन्द्र चण्डालिया, ममता राजेश जैन, कुमुद ब्रजमोहन आर्य मुंबई और शाखा प्रबंधक एंव मुख्य प्रबंधक स्टेट बैंक ऑफ इण्डीया एस एम ई शाखा रतलाम तथा बगैर उनकी उपस्थिति के नोटरी करने वाले नोटरी के विरूद्ध धोखाधड़ी करने, करोडो की प्रापर्टी हड़पने, कुटरचित दस्तावेज तैयार करने एंव आर्थिक अपराध बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर करने से आई.पी.सी की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करने के लिये आवेदन नगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय जावरा को दिया हैं। डांगी ने बताया कि इसके साथ अब वे इस मामले में सीबीआई जांच तथा हाई कोर्ट में भी याचिका दायर करने की तैयार में है।
सभी अरोप निराधार है –
भूपेन्द्र डांगी ने जो भी आरोप लगाए है सभी निराधार है, मैं अभी बाहर हूं आने के बाद दस्तावेजों के साथ जवाब दुंगा । – मुकेश चंडालिया
आवेदन पर नोटिस जारी कर तलब किया है –
भूपेन्द्र डांगी द्वारा मुकेश चंडालिया व उनके परिवारजनों के साथ बैंक अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी करने के आवेदन देकर कार्रवाई करने की मांग की है, मामले में डांगी ने जिनके नाम आवेदन में लिखे है, उन सभी को नोटिस जारी किए अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है। चुंकि अभी चण्डालिया बाहर है उनके आने के बाद मामला आगे बढ़ाया जाएगा। – दुर्गेश आर्मो, सीएसपी, जावरा