– केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी होने के चलते जावरा विधानसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩा लगभग तय
– राजपूत बाहुल्य सीट होने के चलते पहली बार भाजपा के टिकट पर राजपूत समाज को मिलेगा प्रतिनिधित्व
– पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े मगर महज 511 वोटो से नहीं जीत सके
– प्रदेश कार्य समिति सदस्य के रुप में पार्टी का काम करते हुए लगातार ग्रामीण अंचलों में जारी है जनसम्पर्क
शैलेन्द्र सिंह चौहान
जावरा। मध्यप्रदेश विधानसभा का 2018 का चुनाव महज 511 मतों से हारने के बाद केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए के के सिंह कालूखेड़ा अपने बड़े भ्राता मध्यप्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री, कृषि मंत्री तथा सांसद रहे कैलाशवासी महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा की विरासत को लगातार आगे बढ़ा रहे है। कैलाशवासी कालूखेड़ा की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए केकेसिंह लगातार बीते पांच सालों से फिल्ड में काम कर रहे है। भाजपा की प्रदेश कार्य समिति में सदस्य होने के साथ उज्जैन दुग्ध संघ में डायरेक्टर के पद पर कालूखेड़ा विराजीत है। केकेसिंह कालूखेड़ा इस चुनावी रण में भाजपा के टिकट पर उतरने को पूरी तरह से तैयार है, कालूखेड़ा ने ग्रामीण अचंलों में जनसम्पर्क भी करना प्रारंभ कर दिया है। हालाकि अभी अधिकृत घोषणा होना बाकी है, लेकिन सत्ता के गलियारों और शहर की राजनीति में के के सिंह का नाम लगभग तय माना जा रहा है। वैसे भी जावरा विधानसभा राजपूत बाहुल्य है, लेकिन भाजपा ने अब तक किसी भी राजपूत को टिकट नहीं दिया है, लेकिन यह पहला मौका है जब भाजपा राजपूत बाहुल्य सीट पर राजपूत समाज को टिकट देकर विजय श्री हांसिल करने का मौका नहीं छोड़ेगी।
कालूखेड़ा ब्राड है, उस आधार पर मिलेंगे वोट –
जावरा विधानसभा में लम्बे समय तक कैलाशवासी महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा ने जनप्रतिनिधित्व किया, मध्यप्रदेश शासन में शिक्षा मंत्री, कृषि मंत्री रहते कई विकास कार्य जावरा विधानसभा में करवाए, जिनमें अरनीयापीथा मंडी, मॉडल स्कूल, भीमाखेड़ी अण्डर ब्रिज, केवीके कालूखेड़ा, नवोदय विद्यालय के साथ ही सिचाई का रकबा बढ़ाने के लिए कई स्टॉप डेम बनवाए है। जो कि धरातल पर आज भी मौजुद है, उनके द्वारा किए गए विकास कार्य उनके नहीं रहने के बाद भी शहर के साथ समुचे विधानसभा में स्थित है। कालूखेड़ा का स्वभाव आज भी जनता के दिलों पर राज करता है। दिवंगत कालूखेड़ा की विरासत को के के सिंह कालूखेड़ा लगातार बढ़ाते आ रहे है। और यही कारण है की कालूखेडा ब्रांड के चलते वोट भी मिलना तय हैl
कैलाशवासी कालूखेड़ा का नाम और काम मंदसौर नीमच जिले तक –
उल्लेखनीय है कि कैलाशवासी महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा का नाम और उनके द्वारा किए गए काम जावरा ही नहीं वरन् मंदसौर और नीमच विधानसभा तक फैले है, कालूखेड़ा की जावरा के साथ मंदसौर और नीमच तक के क्षेत्र में बड़ी संख्या में समर्थक और कार्यकर्ता वर्तमान में भी मौजुद है, ऐसे में भाजपा यदि कैलाशवासी कालूखेड़ा के अनुज केकेसिंह कालूखेड़ा को टिकट देती है इसका असर जावरा के साथ मंदसौर, महल्हारगढ़, नीमच के साथ मनासा, गरोठ तक होगा। केकेसिंह कालूखेड़ा को टिकट देकर भाजपा कैलाशवासी महेन्द्रसिंह कालूखेड़ के नाम और काम को जावरा के साथ मंदसौर और नीमच जिले में भी भुना सकती है।
भाजपा की रिती निती से लगातार कर रहे काम –
2018 के चुनाव में महज 511 मतों से हार मिलने के बाद कालूखेड़ा ने पन्द्रह माह की कमलनाथ सरकार के दौरान बहुत सारे काम किए, लेकिन केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद केकेसिंह कालूखेड़ा ने भी कांग्रेस को छोड़ अपने समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया, तब से प्रदेश कार्य समिति के पद पर रहते हुए भाजपा की बैठकों और रिती निती के अनुसार लगातार काम करते आ रहे है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और पूर्व मंत्री कैलाशवासी महेन्द्रङ्क्षसह कालूखेड़ा द्वारा किए गए विकास कार्यो बल पर केकेसिंह कालूखेड़ा को टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। यूं तो जावरा से भाजपा के ही डॉ राजेन्द्र पाण्डेय विधायक है, लेकिन डॉ पाण्डेय भी हर सभा और भाजपा के कार्यक्रमों में केकेसिंह कालूखेड़ा को अपने साथ रख कर काम करते आ रहे है।