– अब फिर से भोपाल में आलाकमान से मिलने की तैयारी
– आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने जलाया पुतला, पदाधिकारियों ने जताया विरोध
– बैठक में नहीं दिखे नीतिराजसिंह, वरुण श्रोत्रिय और डॉ राठौर
जावरा। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में रतलाम जिले की पांचो विधानसभा सीटों मे से सर्वाधिक रोचक मुकाबला जावरा की सीट पर देखने मिल रहा है। यहां कांग्रेस ने पहले पूर्व जनपद अध्यक्ष रहे हिम्मतसिंह श्रीमाल को टिकट दिया, लेकिन जब विरोध हुआ तो बुधवार को आलाकमान ने टिकट परिवर्तित कर पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहे वीरेन्द्रसिंह सोलंकी को चुनाव मैदान में उतारते हुए टिकट प्रदान कर दिया। हिम्मतसिंह को पुन: टिकट दिए जाने की मांग को लेकर बुधवार की शाम को पोलेटेक्निक चौराहे पर स्थित कार्यालय पर बैठक हुई। करीब ३ घंटे चली बैठक में केवल नारेबाजी और भाषण बाजी के अलावा कुछ खास नहीं हुआ। महज संगठन के चारों ब्लाक अध्यक्ष, युवक कांग्रेस अध्यक्ष, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष, बाल कांग्रेस अध्यक्ष सहित करीब १० संगठन पदाधिकारियों ने अपने त्याग पत्र दे दिए। इधर पुन: टिकट हिम्मतसिंह को दिलवाने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ भोपाल जाकर मांग करने आलाकमान और प्रदेश पदाधिकारियो से चर्चा को लेकर रणनीति बनाई गई। लेकिन किसी भी ने निर्दलीय रुप से चुनाव लडऩे या कांग्रेस छोडऩे की बात नहीं की। बैठक में शांतिलाल दसेडा, महेंद्र गंगवाल, सुजानमल कोचट्टा, दिलीपराव मंडलोई, अंकित लालवानी, राहुल शर्मा, हीरालाल मेहता, महादेव पाटीदार, प्रेमसुख पाटीदार, मसूद परदेशी आदि मोजुद रहे l
श्रीमाल ने सोलंकी पर साधा निशाना –
हिम्मतसिंह श्रीमाल ने कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्रसिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि किसी को नए प्रत्याशी की असलीयत जाननी है तो वे रतलाम कलेक्टर कार्यालय में जाए और वहां से प्रकरण क्रमांक 21/जिलाबदर/2021 की सत्यापित प्रति प्राप्त करें और पढ़े तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। कांग्रेस आलाकमान के पास अब भी 5 दिन का समय है, यदि टिकट नहीं बदला तो दो दिन बाद पत्ते खोलना शुरु होंगे।
पुतले को लेकर हुई गहमा गहमी –
मंडी गेट के सामने तीन घंटे चली बैठक में कार्यकर्ताओं ने पार्टी के बड़े नेताओं पर भी कमेट्स किए, कुछ ने अपशब्द भी कह डाले, आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने यहां तक कह डाला कि हम यहां बैठ कर भाषण बाजी कर रह है, जबकि हमें विरोध दर्ज करवाना चाहिए, उन्होने पुतले जलाए तो हमें भी जलाना चाहिए, लेकिन पूर्व नपाध्यक्ष मोहम्मद युसूफ कड़पा ने कहा कि पुतले जलाना कांग्रेस की रीति नहीं है, वे इस प्रकार का कोई कार्य नहीं करेंंगे, लेकिन कार्यकर्ता कहा मानने वाले थे, बैठक से बाहर जाते ही कार्यकर्ताओं ने पुतला जलाने की जीद पकड़ ली, कुछ ने पुतला जलाना भी प्रारंभ कर दिया, लेकिन कड़पा ने उन्है रोक लिया। जिस पर आक्रोशित कार्यकर्ताओं के बीच गहमा गहमी की स्थिति बन गई। स्थिति गंभीर होते देख अंतत: कार्यकर्ताओं ने दो पुतले जलाए।
नहीं दिखे नीतिराज, डॉ राठौर और वरुण श्रोत्रिय –
ब्लाक कांग्रेस कमेटी और स्थानीय नेताओं ने स्थानीय उम्मीद्वार को टिकट देने की बात रखी थी, स्थानीय उम्मीद्वारों में हिम्मतसिंह, नीतिराजसिं और वरुण श्रोत्रिय का नाम था, लेकिन टिकट हिम्मतसिंह को मिला और बुधवार को कट गया, टिकट कटने के बाद शाम को जब बैठक हुई तो स्थानीय उम्मीद्वार की सूची में शामिल नीतिराजसिंह, वरुण श्रोत्रिय के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ हमीरसिंह राठौर बैठक में नहीं दिखे।