– धरने के बाद एसडीएम ने तहसीलदार को बुलाया, चर्चा के बाद मामला हुआ शांत
– पूर्व एसडीएम के फैसले को ना देखकर कर दी एक पक्षीय कार्रवाई
जावरा। शहर के उज्जैन बायपास स्थित एक अवैध कॉलोनी और वकील की निजी जमीन के बीच गंदे पानी की निकासी को लेकर करीब दो साल पहले एसडीएम के फैसले के बाद सोमवार को तहसीलदार ने बगैर फैसला देखे एक पक्षीय कार्रवाई कर दी। जिस पर अभिभाषक संघ के पदाधिकारियों ने मंगलवार को दोपहर में कार्रवाई के विरोध में एसडीएम कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार के खिलाफ धरना दे दिया। वकील एसडीएम कार्यालय में फर्श पर बैठ गए और तहसीलदार को बुलाने की मांग करने लगे, एसडीएम ने तहसीलदार को बुलाया और आपस में चर्चा की, इस दौरान तहसीलदार और वकीलों के बीच बहस भी हो गई। एसडीएम ने तत्कालीन एसडीएम के फैसले में जो लिखा हैं उस आधार पर कार्रवाई करने का अश्वासन देकर मामले को शांत करवाया।
उज्जैन बायपास स्थित सर्वे क्रमांक 400/1 और 400/3 में स्थित अवैध कॉलोनी तथा अभिभाषक विनोद साहु के खैत के बीच पानी निकालने के मामले में तहसीलदार संदीप इवने द्वारा एक तरफा कार्रवाई करते हुए उक्त जमीन को लेकर पूर्व एसडीएम के फैसले के अनुसार कार्रवाई ना करते हुए पटवारी पंचनामा के आधार पर कार्रवाई करते हुए खेत की मेढ़ को जेसीबी से तुडवाया दिया, जबकि एसडीएम के फैसले में कॉलोनी की दीवार और मेढ के बीच से रास्ता निकालने का फैसला दिया गया था। लेकिन तहसीलदार द्वारा ऐसा नहीं किया गया। जिसके विरोध में मंगलवार को दोपहर में अभिभाषक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष जयंत व्यास के नेतृत्व में सभी अभिभाषक एसडीएम राधा महंत के पास पहुंचे ओर मामले में तहसीलदार की शिकायत की, वकीलों ने तहसीलदर पर मामले में साठगांठ करने तथा वकीलों की बात नहीं सुनने के आरोप लगाए।एसडीएम ने तहसीलदार का बुलाकर की चर्चा –
वकीलों की शिकायत और धरने के बाद एसडीएम राधा महंत ने तहसीलदार संदीप इवने को बुलाया और वकीलों के साथ उनकी चर्चा करवाई। एसडीएम ने तहसीलदार से कहा कि पूर्व एसडीएम ने जो फैसला दिया हैं, उस फैसले में दीवार और मेढ़ दोनो को तोडक़र बीच से पानी की निकासी करने की बात लिखी है तो उन्होने ऐसा क्यों नहीं किया, इधर वकीलो ने कहा कि मामले में एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए अभिभाषक साहु के पिता को भी थाने बुलवाकर उन्है अपमानित किया गया। चर्चा के बाद एसडीएम ने फैसले के आधार पर कार्रवाई करने की बात कहते हुए शाम को कॉलोनी की दीवार को तोडक़र बीच से पानी की निकासी किए जाने की बात कहीं। तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ।
मामले का निराकरण हो गया हैं –
तहसीलदार द्वारा की गई कार्रवाई की शिकायत को लेकर अभिभाषक आए थे, अभिभाषकों और तहसीलदार की आपसी चर्चा करवाने के बाद मामले का निराकरण कर दिया गया हैं। – राधा महंत, एसडीएम, जावरा