– चार माह बीतने के बाद भी अब तक शुरु नहीं हुआ काम, रेलवे कभी भी बंद कर सकता है फाटक
– ओव्हरब्रिज और अण्डरब्रिज एक साथ हुए थे स्वीकृत, ओव्हरब्रिज बनकर हो गया तैयार
जावरा। शहर के मध्य स्थित रेलवे समपार क्रमांक 177 पर प्रतिदिन लगने वाले जाम से मुक्ति के लिए ओव्हरब्रिज तथा फाटक क्षैत्र के रहवासियों और व्यापारियों की सुविधा को देखते हुए अण्डरब्रिज की स्वीकृति मिली थी, विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय ने प्रदेश सरकार से ओव्हरब्रिज स्वीकृत करवाया था जो कि बनकर तैयार हो गया हैं और उस पर आवागमन भी शुरु हो गया हैं। लेकिन इसी के साथ ही पांच वर्ष पहले सांसद सुधीर गुप्ता ने इसी स्थान पर अण्डरब्रिज भी स्वीकृत करवा कर पहले वाहवाही लूटी, लेकिन ये अण्डरब्रिज अब तक अधर में लटका हुआ हैं, पांच सालों में ना तो इसकी अण्डरब्रिज की डिजाईन फाईनल हुई और ना ही ड्राईंग ही सामने आ सकी।
मंडरा रहा फाटक बंद होने का खतरा –
रेलवे द्वारा रतलाम से चित्तौडग़ढ तक दोहरीकरण और विद्युतीकरण का कार्य इन दिनों जारी हैं। जिसके तहत जनवरी माह में रेलवे उक्त फाटक को बंद करने के लिए पहुंच गया था, लेकिन फाटक क्षैत्र के व्यापारियों और रहवासियों की सतर्कता और आंदोलन के बाद रेलवे को अपने कदम पीछे हटाने पड़े थे। वहीं इस मामले में रहवासियों और व्यापारियों ने सांसद सुधीर गुप्ता और विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय से मामले में हस्तक्षैप करने के लिए कहा था, जिस पर सांसद और विधायक ने रतलाम डीआरएम से चर्चा कर कुछ समय से लिए फाटक बंद होने से भले रुकवा दिया हैं, लेकिन रहवासियों की मांग हैं कि जब तक अण्डरब्रिज नहीं बनता तब तक फाटक बंद नहीं की जाए। लेकिन रेलवे अधिकारियों की माने तो इतने लंबे समय तक फाटक को बंद नहीं करना संभव नहीं हैं।
31 जनवरी को ताबडतोड़ा डाला था ले आऊट –
फाटक क्षैत्र के रहवासियों और व्यापारियों के आदोलन के बाद अण्डरब्रिज को लेकर मामला गर्माया, तो 31 जनवरी को ताबडतोड़ अण्डरब्रिज के लिए ले आउट डालकर रहवासियों जल्द ही काम शुरु होने की बात कहकर समझा दिया गया। लेकिन चार माह बीतने के बाद भी अब तक इस अण्डरब्रिज का काम शुरु नहीं हुआ हैं। जबकि टेंडर भी हो चुके है, ले आउट भी डल चुका हैं तो ऐसे में अब इसका निर्माण प्रांरभ होने में आचार संहिता कहीं आड़े नहीं आती हैं, इसके बाद भी अण्डरब्रिज का निर्माण प्रारंभ नहीं करना कहीं ना कहीं सांसद की निष्क्रियता को उजागर करता हैं।