जावरा। नारी परिवार की धुरी और संस्कारों की जननी होती हैं। बचपन से ही बच्चों को संस्कारवान बनाया जाए तो परिवार एकजुट रहता है। नारी का व्यक्तित्व ही परिवार को संस्कारवान बनाता है जिस प्रकार हमारे यहां पर 16 संस्कारों की परंपरा है उसमें पहले संस्कार माता से ही प्राप्त होता हैं।
उपरोक्त विचार समग्र मालवा द्वारा श्रीराम विद्या मंदिर मे आयोजित मालवा विचार मंथन आयोजन में नारी का व्यक्तित्व विषय पर बोलते हुए सुश्री आयुषी जैन (बेटमा) ने व्यक्त किए। सुश्री जैन ने कहां की नारी को संस्कार के साथ ही अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए और परिवारों में मित्रता का वातावरण बनाना चाहिए इससे बच्चों में आ रहा एकाकीपन दूर होगा और वह अपनी समस्याओं से आपको अवगत कराएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही धर्म जागरण विभाग की सयोजिक संगीता जैन (रतलाम) ने कहा कि परिवारों में विचारों की अभिव्यक्ति ना होना दु:खद है। विचारों को साझा करने से समस्याएं दूर होती है। महिलाओं को अपने आप पर विश्वास करना चाहिए अगर विश्वास का भाव उनमें होगा तो वह समस्याओं का निराकरण करने में सक्षम होगी आपने कहा कि मां और बेटी का भाव परिवारों में रहने से अनेक समस्याओं का निराकरण हो जाता है। आपने मालवा विचार मंथन कार्यक्रम में महिलाओं का विषय रखने पर आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों में महिलाओं पर चर्चाएं काम ही होती है परंतु इस आयोजन में नारी के व्यक्तित्व पर चर्चा का विषय रखना अत्यंत सुखद हैंl महिलाओं में जागरुकता की कमि –
अर्चना करनावट कहां की आज समाज में महिलाओं को बराबरी के अधिकार प्राप्त है परंतु उन्हें इसकी जानकारी नहीं है इस प्रकार के छोटे-छोटे आयोजनो से शासन की योजनाओं के साथ ही नियमों की भी जानकारी प्राप्त होती है। परंतु महिलाएं अपनी सहभागिता प्रदान करने में संकोच प्रदान करती है उन्हें इससे बाहर आकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए कार्यक्रम में सारिका कोलन, बाबूलाल नाहर, मनोहरसिंह चौहान ने भी महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन किया। सरस्वती वंदना सुनीता शर्मा ने प्रस्तुत की। अतिथियों का स्वागत संस्था प्रमुख अभय कोठारी, जगदीश उपमन्यु, महेश शर्मा, मनोहरसिंह चौहान, रमेश मनोहरा, मुन्ना भाई पेंटर, दिप्ती कोठारी आदि ने करते हुए अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये। कार्यक्रम मे तेजराम मांगरोदा, शिवप्रताप सिंह, सुजानमल कोचट्टा, राजेश भावसार, राजेश धनोतिया, मनोहर पांचाल, अभय श्रीवास्तव, महेश शर्मा पेन्टर आदि उपस्थिति थे। कार्यक्रम का संचालन अर्चना करनावट ने किया। आभार जगदीश उपमन्यु ने माना।
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