– छत से लेकर लिफ्ट तक झरने से की तरह बह रहा था पानी
– फर्श पर पानी भरा तो मरीजों और परिजनों को बैठना पड़ा बाहर
– एक महिला के साथ हुई अभद्रता, महिला फर्श पर गिरी, कोहनी में चोट लगी
जावरा। भाजपा राज में बने भवनों, नालों, पूलियाओं तथा अन्य निर्माण कार्यो में हुए भ्रष्टाचार की पोल पहली ही बारिश ने खोल कर रख दी हैं। करीब 12 करोड़ की लागत से महिला एवं बाल चिकित्सालय के रुप में शहर को सौगात मिली हैं, लगभग 8 माह पूर्व 6 अक्टुबर कर इस महिला एवं बाल चिकित्सालय का लोकापर्ण तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने वर्चुअली किया था, जिसके बाद विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय ने भाजपा पदाधिकारियों के साथ मिलकर विधिविधान से पुजा अर्चना कर अस्पताल को मरीजों के लिए लोकार्पित किया था। लेकिन 8 माह बाद ही गुरुवार को दोपहर में आई महज 40 मिनीट की झमाझम बारिश ने अस्पताल निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी। बारिश के चलते नवीन भवन की छत से लेकर लिफ्ट तक से पानी झरने की तरह बहने लगा, अस्पताल में मरीजों के बैठने की जगह भी नहीं बची हर ओर पानी ही पानी भर गया। अस्पताल का पुरा कॉरीडोर पानी से पट गया। जिससे मरीजों को खासी परेशानी उठाना पड़ी। कर्मचारियों को वायपर की मदद से पानी बाहर निकालना पड़ा।
मरीजों को बैठना पड़ा बाहर, बच्चों को झुलाया झुला –
गुरुवार को दोपहर में आई तेज बारिश के बाद महिला एवं बाल चिकित्सालय के भवन की छत से पानी टपकने लगा, वहीं मरीजों के लिए लगी लिफ्ट जो बंद पड़ी हें उससे भी पानी झरने की तरह बहने लगा। चंद मिनटों के लिए आई इस बारिश ने अस्पताल में अफरा तफरी का माहोल बन गया। अस्पताल परिसर में फर्श पर पानी भरने से मरीजों को अस्पताल के बाहर बैठना पड़ा, वहीं नवजात को मरीजों को साड़ी का झुला बनाकर अस्पताल के बाहर झुलाना पड़ा।

महिला बोली कर्मचारी ने अभद्रता की, धक्का देकर गिराया –
बारिश के दौरान एक महिला अस्पताल में टॉयलेट यूथ करने जा रही थी, इसी बीच अस्पताल के गेट पर तैनात कर्मचारी ने महिला के साथ अभद्रता की, वहीं महिला ने बताया कि उसे अस्पताल प्रभारी ने भी बाहर जाने के लिए कहा दिया और धक्का दे दिया, जिससे वह स्लीप होकर नीचे गिर गई और उसकी कोहनी में चोट आ गई।

