तीन दिवसीय पर्व के पहले दिन की निशान साहिब की सेवा
जावरा। खालसा मेरो रूप है खास, खालसा मे हों करो निवास…जो बोले सोनिहाल सतश्री अकाल … जैसे जयकारे शनिवार को स्टेशन रोड़ स्थित गुरुद्वारा श्री दु:ख निवारण साहिब में लगे।अवसर था पंजाबी समाज द्वारा 325 वा वैसाखी पर्व जो की बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
बैसाखी पर्व के तहत तीन दिवसीय चल रहे श्री अखंड पाठ साहिब का प्रात: 10 बजे समापन हुआ। तत्पश्चात ज्ञानी हंसराज सिंह जी व बच्चो के द्वारा शबद कीर्तन गाए गए। दोपहर 1 बजे गुरु का लंगर हुआ। देवेंद्र सिंह गुर ने बताया जिन बच्चों की पहली वैसाखी थी उन्हे ज्ञानी की ने अमृत पान कराया। इस दिन सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंदसिंह जी ने पंजाब के आनंदपुर साहिब में पंज प्यारों को अमृत पान कराकर खालसा पंथ की स्थापना की थी। बैसाखी पर्व के पहले दिन गुरुद्वारा साहेब पर निशान साहिब की सेवा (शिखर पर ध्वज) की गई। गुरुद्वारा पर सुख शान्ति की अरदास की –
बैसाखी पर्व के अवसर पर समाजजनों ने गुरुद्वारा पर सुख शांति की अरदास की। इस दौरान समाज अध्यक्ष अमृत सिंह सेठी, हरपाल सिंह गंभीर, अशोक मोंगा, सतपाल मोंगा, जंग बहादुर सिंह गुर, हेमंत मेहता, अशोक ऊबी, हरीश गांधी, जसविंदर सिंह खंडूजा, राजिंदर सिंह गंभीर, गुरजीत सिंह गंभीर, मनजीत सिंह सलूजा, परमजीत सिंह मदान, इंद्रपाल सिंह सेठी, अपारसिंह गंभीर, नवदीपसिंह सलूजा, कुलजीतसिंह गुर, बलविंदरसिंह सेठी, रिशु गंभीर आदि समाजजन मौजूद थे।
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