– कथा के छठे दिन भानपुरा पीठाधीश्वर शंकराचार्य का भी मिला सानिध्य
जावरा। गाय को राष्ट्रमाता घोषित किए जाने के लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए, गाय और गोपाल से जुडऩे का माध्यम हैं श्रीमद् भागवत गीता।
यह बात राष्ट्रसंत नमन वैष्णव ने स्वर्गीय महेंद्र सिंह कालूखेड़ा गौशाला तालीदाना में श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन भक्तों को कथा का रसपान करवाते हुए कहीं। कथा के छठे दिन मंच पर सनातन के दो सिंहासन रामानन्द पीठ एवं शंकराचार्य पीठ एक साथ दिखाई दिए। राष्ट्रसंत वैष्णव ने कहा कि सबसे बड़ा सुख मनुष्य देह मिलना हैं। बिना कीर्तन व भजन किए सुख नहीं मिलता हैं। भजन में ही वजन हैं। भजन तत्व जानने के लिए परीक्षित ,सुखदेव के शरण में गये। जीवन में वही सुखी है जो सत्संगी हैं,उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है। कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण रुकमणि विवाह का प्रसंग सुनाया। कथा के यजमान रघुवीर सिंह आंजना पंचेवा रहे।
गाय वत्सला होती हैं – शंकराचार्य
कथा के छठे दिन मंच पर विराजित अनंत विभूषित भानपुरा पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी ने गौभक्तों को अपनी अमृतवाणी से भागवत कथा का रसपान कराते हुए कहा कि भगवत चरित्र जितने प्रकार से गाया जाए सरल नहीं होता हैं। गाय वत्सला होती हैं, अपने बछड़े को मैला होने पर भी अपनी जीभ से साफ कर देती हैं, इसलिए गाय को वत्सला कहा जाता है। मृत्यु के समय धर्म मित्र होता हैं। इसलिए मनुष्य को धर्ममय जीवन जीना चाहिए।इन्होने लिया आरती का लाभ –
छठे दिन आरती लाभ गौशाला संरक्षक के.के.सिंह कालूखेड़ा, मांगीलाल पटेल रियावन, सौरभ गुप्ता जावरा, चरणसिंह चंद्रावत, माताप्रसाद शर्मा, राजेंद्र सिंह चंद्रावत, दादू बना, राजेश व्यास, जगदीश धाकड़ ने लिया। विशेष अतिथि राजकुमार सिंह राठौर आंबा, धर्मेंद्र सिंह सरपंच बाराखेड़ा, अनिल दसेड़ा, अतुल मेहता जावरा, जिला पंचायत सदस्य डी.पी.धाकड़, दीपेंद्र सिंह चंद्रावत, तारण सिंह सेठी जावरा, पर्वत सिंह आंजना, होली हनुमानजी समिति से दीपेन्द्र सिंह राठौर, राजेन्द्रसिंह शक्तावत, अरनियापिथा कृषि उपज मंडी व्यापारी संगठन के महेन्द्र गोखरू व पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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