जावरा। पूर्व जन्मों के पुण्यों के परिणाम स्वरूप ही हमें यह दुर्लभ मानव भव मिला है। साथ ही सर्वोत्तम जिन शासन प्राप्त हुआ है। हमें अपने इस जीवन को परमात्मा की वाणी का श्रवण करते हुए अपने लिए मोक्ष का मार्ग खोजना हैं।
अष्टापद तीर्थ प्रेरिका प.पू.जिनशिशुप्रज्ञा श्रीजी म.सा.ने ताल रोड़ पर स्थित प्रदीप चौधरी के फार्म हाउस पर आयोजित धर्मसभा में यह बात कही। आपने कहा कि परमात्मा महावीर स्वामी ने अपनी अंतिम देशना में फरमाया कि हमें मानव जीवन के साथ जैन धर्म भी प्राप्त करने हुआ हें । हमें यह विचार करना है कि हम अपने धर्म में परमात्मा द्वारा बताई गई कितनी बातों का पालन कर रहे हैं। परमात्मा मानव भव, जिन वाणी का। श्रवण, उस पर अटूट विश्वास तथा उसके अनुरूप आचरण करने को अतिदुर्लभ बताया हैं। जो व्यक्ति इनको अपने जीवन में अंगीकार करने का प्रयास करता है वह निश्चय ही अपने लिए मोक्ष का मार्ग प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ जाता हैं। इससे पूर्व गुरूवर्या श्री जिनशिशुप्रज्ञा श्री जी आदि ठाणा 22 जावरा से विहार कर यहां पहुंचे। इस मौके पर हिम्मत धारीवाल, शांतिलाल मेहता, अशोक मेहता, प्रदीप लोढ़ा, सुशील जैन, महावीर चंद्रावत, नवनीतसिंह श्रीमाल, ललित जैन, मुकेश चंडालिया, संजय दासोत, सुनील मेहता, मनोज दख, लोकेश कांठेड़, आदर्श दख, मनोज मेहता, विपुल दख, नीरज मेहता, सुनील नाहटा आदि सहित बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित रहे।
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