– शहर के सभी शासकीय भवनों पर बगैर किसी शुल्क के लगाए जा रहे होर्डिंग, मोटी कमाई कर रहे होर्डिंग और फ्लेक्स निर्माता
– चौपाटी चौराहे पर ट्रेफिक सिग्नल को भी नहीं छोड़ा, वाहन दिखाई नहीं देने से रहता हैं हादसों का खतरा
– विधायक, सांसद से लेकर सीएम और पीएम के फोटो देखकर नपा भी नहीं हटा पा रही अवैध रुप से लगे होर्डिंग और फ्लैक्स
जावरा। शहर में चुनावी मौसम आते ही संपत्ती विरुपण अधिनियम अचानक से एक्टिव हो जाता हैं, इस अधिनियम के एक्टिव होते ही शहर के चप्पे चप्पे पर अवैध रुप से लगे फ्लैक्स और होर्डिंग्स को नगर पालिका तत्काल हटा कर शहर को फ्लैक्स मुक्त कर देती हैं, लेकिन चुनावी मौसम समाप्त होने के साथ ही शासन का संपत्ती विरुपण अधिनियम भी मरणासन हो जाता हैं, चुनाव निपटते ही शहर के सभी शासकीय भवन, शासकीय सम्पत्ती, बिजली के खंबे, ओव्हरब्रिज के साथ पेडों अवैध रुप से बगैर किसी शुल्क के फ्लैक्स और होर्डिंग्स से पट जाते हैं। वर्तमान में भी जावरा शहर में कई शासकीय भवनों पर इस अधिनियम की धज्जियां सरेआम उड़ाई जा रही हैं, कोई भी जवाबदार इस और ध्यान नहीं दे रहा हैं। शहर में कई ऐसे स्थानों पर ही ये अवैध फ्लैक्स लगाए गए हैं, जिनसे हादसों का अंदेशा बना रहता हैं, लेकिन इस और पुलिस प्रशासन भी मौन होकर देख रहा हैं। कोई भी जवाबदार इस मामले में कार्रवाई नहीं कर पा रहा हैं, सभी अधिकारी केवल चुप्पी साधे बैठे हुए हैं, अधिकारियों की चुप्पी और कार्रवाई ना करने के पीछे इन अवैध रुप से लगे फ्लैक्स और हार्डिंग्स पर सांसद, विधायक, सीएम और पीएम के साथ कई प्रभावी लोगों के फोटो हैं। अधिकारी कार्रवाई तो करना चाहते हैं, लेकिन प्रभावी लोगों के फोटो देखकर वे अपने कर्तव्य से विमुख हो जाते हैं और देखकर भी अनदेखा कर देते हैं, लेकिन अधिकारियों की यह अनदेखी गई बार सड़क हादसों का कारण भी बन जाती हैं। प्रमुख चौराहे पर ट्रेफिक सिग्नल को भी पाट दिया फ्लैक्स से –
जावरा शहर में इन दिनों शासकीय भवनों से लेकर बिजली के खम्बों, फोरलेन डिवाईडर पर बड़ी संख्या में फ्लैक्स लगे हैं, इतना ही नहीं जावरा के शहर के सबसे व्यस्त चौपाटी चौराहे पर तो फ्लैक्स और होर्डिंग्स की बाढ़ जैसी आ गई हैं। फ्लैक्स निर्माताओं ने पिपलौदा रोड़ चौराहे तथा चौपाटी चौराहे पर लगे ट्रेफिक सिग्नल को शासकीय दीवार को भी नहीं छोड़ा हैं। ट्रेफिक सिग्नल पर लगाए गए बड़े बड़े होर्र्डिंग्स से पीछे से आने वाले वाहन दिखाई नहीं देते हैं, जिससे इस व्यस्त चौराहे पर हमैशा हादसों का खतरा बना रहता है,ं लेकिन इससे शहर के सभी जवाबदारों को कोई सरोकार नहीं हैं। जब इस चौराहे पर कोई बड़ा हादसा होगा, शायद तब कहीं जाकर इस चौराहे पर लगे सिग्नल से ये अवैध फ्लैक्स हट सकेंगे। खुद मोटी राशि वसूल रहे, लेकिन निकाय को एक रुपया नहीं दे रहे –
शहर में फ्लैक्स और होर्डिंग्स बनाने वाले डिजाईन से लेकर उसे चौराहें और शासकीय भवनो ंपर लगाने के लिए नाम ग्राहकों से मोटी रकम तो वसूल रहे हैं, लेकिन नगर पालिका को इसके एवज में एक रुपया भी नहीं दे रहे हैं। ऐसे में स्थानीय को प्रति वर्ष करोडों रुपए के राजस्व का नुकसान भी हो रहा हैं। लेकिन नुकसान झेलने के बाद भी नगर पालिका के जवाबदार इन होर्र्डिग्स को हटाने में लाचार नजर आते हैं। इसके पीछे राजनैताओं का डर हैं या कुछ और यह तो समझ से परे हैं ।
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