– दो आरोपियों मे से एक को सजा मिली तो दुसरे को सबुत के अभाव में किया बरी
जावरा। आपसी रंजीश के चलते कांकरवा बालाजी निवासी एक युवक की हत्या के मामले में न्यायालय ने मृत्यु कालीक बयान के आधार पर एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा अर्थदण्ड से दण्डित किया है। वहीं एक अन्य आरोपी को सबुतों के अभाव में बरी कर दिया।
अपर लोक अभियोजक समरथ साहु ने बताया कि 8 जून 2019 को मरम्या के जंगलों में जगदीश पिता धुराजी सूर्यवंशी निवासी कांकरवा बालाजी घायल अवस्था में गांव के चौकीदार दशरथसिंह पिता भंवरसिंह राजपूत निवासी कांकरवा बालाजी को मिले थे, जिस पर चौकीदार ने असावती चौकी प्रभारी उप निरीक्षक मोहन भाटी को सूचना दी, सूचना पर भाटी दल बल सहित मौके पहुंचे और जगदीश को घायल अवस्था में ऐम्बूलेंस के माध्यम से जावरा के सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए भेजा। जहां से उसे एमवाय इंदौर रैफर कर दिया गया, उपचार के दौरान जगदीश की मृत्यु हो गई। जगदीश ने मृत्युकालीक अवस्था में पुलिस को बयान दिया जिसमें उसने पवन पिता बालाराम बलाई निवासी कांकरवा बालाजी का नाम बताया, जिस पर पुलिस ने रिंगनोद थाना पर भादवि की धारा 307/34 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफतार कर मामले में पुछताछ की तो एक और आरोपी तेजस पिता दिलीप तिरपुडे महार निवासी बोरगांव मेघे पुलिस थाना वर्धा महाराष्ट्र का नाम भी सामने आया। पुलिस ने मामले को न्यायालय के समक्ष रखा। जहां सुनवाई के दौरान आए साक्ष्य व गवाहों तथा मृत्यु कालीक बयान के आधार पर प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश उषा तिवारी ने आरोपी पवन पिता बालाराम बलाई को आजीवन कारावास तथा ५ हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। वहीं तेजस को सबुतों के अभाव में रिहा कर दिया गया।