– मारवाड़ी स्वर्णकार समाज महिला मंडल द्वारा किया गया श्रीराम कथा का आयोजन
जावरा। मारवाड़ी स्वर्णकार समाज महिला मंडल द्वारा चारभुजा नाथ मंदिर सोमवारिया पर आयोजित सात दिवसीय राम कथा के पांचवे दिन सीता स्वयं वर की कथा से पुरा वातावरण भक्तिमय हो गया। प. हेमंत व्यास रतलाम ने राम नाम की महत्ता बताते हुऐ कहा कि राम की महिमा अपरम्पार है, उनके नाम से ही जीवन तर जाता है, कथा में राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। प. व्यास ने श्रीराम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा-महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली।
गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे। भजनो की धुन पर भक्तिमय माहौल मे महिलाओ ने नृत्य करते हुऐ राम कथा का आनंद लिया। पौथी पूजन का लाभ कुंदनलाल सोनी परिवार ने लिया, कथा में बाबूलाल सोनी, अनिल सोनी, दिनेश सोनी, रजत सोनी, आशीष सर्राफ आदि पूजन मे सम्मिलित हुए। महिला मण्डल की उषा सर्राफ, सुमन सोनी, सुषमा सोनी, पुष्पा रोडा, रंजना सोनी, संगीता मिण्डिया, कृष्णा सोनी, मनोरमा सोनी, श्यामा सोनी, शकुन्तला सोनी, सुनीता सोनी, देवकन्या सोनी आदि उपस्थित रहे।