– कथा के तीसरे दिन पहुंचे बगलामुखी पीठाधीश्वर, समिति पदाधिकारियों ने किया स्वागत
जावरा। दहेज प्रजा आज हमारे समाज में अभिशाप हैं, मंथरा और शकुनि दोनों दहेज में आए और दोनों ने घरों का बिगाड़ कर दिया। इसलिए न तो दहेज लेना हैं और ना ही देना हैं। जिस पिता ने अपनी कन्यादान को दान में दे दिया, उससे दहेज नहीं लेना चाहिए।
यह बात राष्ट्रसंत नमन वैष्णव ने स्व. महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा गौशाला तालीदाना पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन श्रृद्धालुओं को कथा का श्रवण करवाते हुए कहीं। वैष्णव जी ने कहा कि घर में वास्तु दोष हो तो चल जाएगा, किन्तु अगर घर में वाणी दोष हो गया तो महाभारत होना तय है, अत: मधुर वाणी घरों में होनी चाहिए।
बगलामुखी पीठाधीश्वर का किया स्वागत –
कथा के तीसरे दिन विशेष रूप से बगलामुखी पीठाधीश्वर खाचरोद से स्वामी कृष्णानंद उपस्थित रहे। स्वामी जी ने भी श्रीमद भागवत कथा पर श्रोताओं को रसपान कराया। आपने बताया कि श्रीमद् भागवत मानव को मोक्ष प्रदान करने वाला ग्रन्थ हैं। समिति सदस्यों द्वारा स्वामी जी का स्वागत सम्मान किया गया। तीसरे दिन कथा के यजमान राधेश्याम जाट कंसेर रहे। आरती का लाभ गट्टू सिंह चंद्रावत चिकलाना, संदीप पोरवाल ढोढर, पप्पू सेठ कालूखेड़ा, ठाकुर रघुवीर सिंह पिपलिया कराडिय़ा, रामचंद्र पाटीदार बडायलामाताजी, अर्जुन सिंह, विजयपाल ने लिया।गौशाला को भेंट किए कंबल –
गौशाला में मौजुद गौमाताओं को ठंड से बचाव के लिए भाजपा प्रदेश कार्यकारी समिति सदस्य कानसिंह सिंह चौहान द्वारा गौशाला को 8 कंबल गौशाला को भेट किए गए। इस दौरान गौशाला संरक्षक के.के.सिंह कालूखेड़ा, रवि दुग्गड जावरा, हरिनारायण अरोड़ा, राजेश व्यास मामटखेड़ा, चरण सिंह चंद्रावत आदि उपस्थित रहे।
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