– पीताम्बरेश्वर महादेव मंदिर और रामधुन समिति ने किया आयोजन
जावरा। सत्संग जागरण की पाठशाला है सत्संग स्मृति स्थल हैं, सत्संग विद्यालय को देवालय बनाने की प्रक्रिया हैं, सत्संग से संदेह दूर होता है दुख दूर होता है और भय दूर होता हैं, सत्संग नेत्र शिविर है जहां गुरु कृपा से ज्ञान और वैराग्य के दो नयन प्राप्त होते हैं। इसलिए जगत में सत्संग की बहुत जरूरत है और बहुत लोग म न और तन से बीमार है इसलिए सत्संग आध्यात्मिक चिकित्सालय भी हैं।
यह विचार 17 नवंबर 24 को पीतांबेश्वर महादेव मंदिर खंडेलवाल कॉलोनी जावरा मे आयोजित एकदिवसीय अमृतवाणी सत्संग में श्रीरामशरण आश्रम देवास से पधारे नागर भाई ने व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कलयुग में नाम सिमरन आत्म कल्याण का सबसे सरल मार्ग हैं। सन 1925 में श्री राम शरणम् के अधिष्ठाता स्वामी सत्यानंद सरस्वती महाराज की तपस्या से प्रसन्न होकर स्वयं राम का साक्षात्कार हुआ था। भगवान ने पूछा क्या चाहिए स्वामी जी ने कहा प्रभु कलयुग में लोगों के मन बहुत कलुषित हैं। भक्ति में मन नहीं लगता है ऐसा प्रसाद दो जिससे लोगों का मन भक्ति में आपके चरणों में लगे तब आती करुणा करके परमात्मा ने उन्हें राम नाम का प्रसाद तारक मंत्र दिया और अमृतवाणी और भक्ति प्रकाश जैसे ग्रंथ दिए। पीतांबेश्वर एवं राम धुन समिति के सभी भक्तों की ओर से सत्संग में आए हुए श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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