जावरा। सहस्त्र ओदिच्य ब्राह्मण जावरा द्वारा सोमवार को श्रावणी उपाक्रम किया। समाजजनों ने पंडित तेजप्रकाश भट्ट के सानिध्य में तर्पण के साथ साथ जनेऊ बदल कर उपाकर्म संपन्न किया। समाज के सचिव कुलदीप भट्ट और अंकुर व्यास ने बताया की प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी सहस्त्र ओदीच्य ब्रह्मण परिवार ने विधायक डॉ राजेंद्र पांडेय द्वारा समाज को जो भूमि ग्राम आक्या देह में दान की उस भूमि पर श्रावणी उपकर्म संपन्न हुवा। जिसमें मुख्य जजमान भंवरलाल पांडेय, राधेश्याम व्यास, सत्यनारायण पांडेय, गोपाल कृष्ण उपाध्याय, अध्यक्ष गिरिराज उपाध्याय, दीपक त्रिवेदी, अनिल पाठक, रामकृष्ण उपाध्याय, अतुल उपमन्यु, प्रवीण पाठक, लोकेश शर्मा उपस्थित रहे। उपाकर्म के बाद विश्व शांति व क्षेत्र में अच्छी बारिश के लिए हवन का आयोजन किया गया। ओदिच्य ब्राहम्ण समाज अध्यक्ष गिरिराज उपाध्याय ने बताया कि सावन मास की पूर्णिमा के दिन किया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से जनेऊधारी ब्रा्हमणों के लिए है। इसी दिन वे वर्ष भर पश्चात पुरानी जेनऊ उतारकर नई जनेऊ धारण करते हैं। इस अनुष्ठान का भी विधिवत मंत्रोच्चार होता है। यज्ञोपवीत के लिए भी यह संस्कार बहुत महत्वपूर्ण है। श्रावणी उपाकर्म कई अवसरों पर किया जाता है लेकिन श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन करना महत्वपूर्ण है। वैसे यह काम कुंभ स्नान के दौरान किया जाता है। भारत के कई हिस्सों में इस दिन यज्ञोपवीत या जनिवर भी किया जाता है। इसे श्रावणी उपाकर्म के नाम से जाना जाता है। दक्षिण भारत में इसे अब्बत्तम के नाम से जाना जाता है। श्रावणी उपाकर्म में यज्ञोपवीत पूजा, उपनयन संस्कार करने का नियम है। श्रावण पूर्णिमा पर रक्षासूत्र बांधना, यज्ञोपवीत, व्रत, नदी स्नान, दान, ऋषि पूजा, तर्पण, तपस्या आदि अधिक लाभकारी होते हैं। संचालन लोकेश शर्मा ने किया व आभार मनीष त्रिवेदी ने माना। कार्यक्रम पश्चात स्वलपाहार राकेश पांडेय, सुनील पांडेय परिवार की और से रहा।
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