– कचरा वाहन के कर्मचारी नहीं डालते स्वयं कचरा, व्यापारियों को दुकान से उठकर कचरा डालने के लिए कहते
– वार्ड क्रमांक 23 के पार्षद ने सीएमओ को पत्र लिखकर की शिकायत, एनजीओ पर कार्रवाई करने की उठाई मांग
जावरा। शहर के दुकानों और घरों से निकलने वाले कचरे को डोर टू डोर कलेक्ट करने के लिए नगर पालिका परिषद ने करीब डेढ़ रुपए में एक एनजीओ को ठेका दे रखा है, लेकिन एनजीओ के कर्मचारी अपनी मनमानी करते हुए शहरवासियों और व्यापारियों से कचरा डालने की बात पर अभद्रता करते है, जबकि हर गाड़ी पर एक चालक और एक कर्मचारी तैनात है, उसके बाद भी रहवासियों और व्यापारियों को गाड़ी में कचरा डालने के लिए कहते है, रहवासियों व व्यापारियों द्वारा कचरा नहीं डालते हुए कर्मचारी को कचरा डालने के लिए कहा जाता है तो वे अभद्रता पर उतर आते है, एनजीओ के कर्मचारियों द्वारा अभद्रता की शिकायत कई बार की गई, लेकिन नतीजा अब भी शून्य है और मनमानी बदस्तुदर जारी है। कई कॉलोनियों में तो 2 से 3 दिन तक कचरा गाड़ी नहीं पहुंच रही है। जिससे रहवासी खासे परेशान है।
मंगलवार को वार्ड 23 के पार्षद इरशाद बाबा ने सीएमओं दुर्गा बामनिया को शिकायती पत्र देेते हुए एनजीओ के कर्मचारियों द्वारा अभद्रता करने और एनजीओ पर कार्रवाई करने की मांग की है। पत्र में बताया कि एनजीओ द्वारा शहर से डोर टू डोर कचरा उठाने के लिए कचरा गाड़ी पर हेल्पर के रुप में एक-एक कर्मचारी नियुक्त किए गए है, लेकिन इन कर्मचारियों द्वारा लापरवाही करते हुए कचरा संग्रहण कार्य नहीं किया जाकर उक्त कचरा वाहन गाड़ी में बैठकर घूमते है। नागरिकों द्वारा जब कचरे को डस्टबिन खाली करने के लिए कहा जाता है तो कर्मचारी अभद्रता करते हैं। शहर में 4-5 कचरा संग्रहण वाहन के कर्मचारियों द्वारा ज्यादा ही अभद्रता की जाती है। शहर के मुख्य मार्ग में व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर ग्राहकों की अधिकता होने के कारण दुकानदार डस्टबिन खाली नहीं कर पाते है, जिसमें कई कचरा वाहन वाले बिना कचरा उठाए ही वाहन को आगे बढ़ा लेते हैं। कचरा संग्रहण में लगे कर्मचारियों से डस्टबिन खाली कराने तथा आमजन से अभद्रता करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की मांग सीएमओं दुर्गा बामनिया से इरशाद बाबा ने की।