– वार्ड 11 की पार्षद रुकमण राजेश धाकड़ ने की कलेक्टर से शिकायत
जावरा। नगर पालिका परिषद के साधारण सम्मेलन की प्रोसेडिंग में फैर बदल कर भ्रष्टाचार करने की नियत से चुरी तथा मुरम का भुगतान करने की शिकायत एक पार्षद ने जिला कलेक्टर से की है। शिकायत में प्रोसेडिंग में हैरफैर करने वालों पर कार्रवाई कर भुगतान रुकवाने की मांग की गई है।
नगर पालिका परिषद जावरा के वार्ड क्रमांक 11 की पार्षद रुकमण राजेश धाकड़ (आरडी) ने जिला कलेक्टर को सौंपे गए शिकायती पत्र में बताया कि नगर पालिका परिषद जावरा के साधारण सम्मेलन दिनांक 16.01.2024 में वर्ष 2023-24 की चूरी मुरम की अतिरिक्त राशि 20 लाख बढ़ाने हेतु प्रस्ताव किया गया था। जो कि 12 विरुद्ध 15 मतों से खारिज हो गया था। लेकिन इसके बाद भी उक्त सम्मेलन की प्रोसेडिंग क्रमांक 09/2024 प्रस्ताव क्र. 124 में उक्त प्रस्ताव को बहुमत से तथा 4 पार्षदों द्वारा बाद में सहमति पत्र देने के आधार पर पारित बताया गया, जबकि उक्त सम्मेलन के दौरान किसी भी पार्षद द्वारा कोई पत्र नहीं दिया गया था, जिसे साधारण सम्मेलन की वीडियोग्राफी में देखा जा सकता है। जो असत्य होकर नियम विरुद्ध है।
पत्र में दिया नियमों का हवाला –
पार्षद ने कलेक्टर को दिए पत्र में नियमों का हवाला देते हुए बताया कि नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत नगर पालिका परिषद् जावरा के साधारण सम्मेलन में कोई प्रस्ताव अगर खारिज हो जाता है तो उसे परिषद् के अगले साधारण सम्मेलन में दो तिहाई बहुमत के बाद ही पारित किया जा सकता है। किन्तु नगर पालिका अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा परिषद् के सम्मेलन की गरिमा एवं अधिनियम को दरकिनार कर उक्त चूरी मुरम का भुगतान किया जा रहा है।
भुगतान रोकने दिया था पत्र –
पत्र में बताया कि वर्ष 2023-24 में चूरी मुरम हेतु 25 लाख की राशि जारी की गई थी जिसका भुगतान भी हो चुका है। नगर पालिका परिषद् द्वारा वर्षाकाल में चूरी मुरम डाला जाता है। वर्षाकाल के पश्चात् परिषद् के 2 साधारण सम्मेलन आहुत हो चुके हैं। किन्तु जनवरी 2024 में उक्त प्रस्ताव को लाना और उसका अनियमित व विसंगतिपूर्वक भुगतान करने की चेष्टा करना पूर्ण रुप से भ्रष्टाचार प्रेरित है। पार्षद ने उक्त भुगतान को रोकने सीएमओ को इस संबंध में 22 फरवरी 24 को पत्र देकर भुगतान रोकने की कार्यवाही हेतु कहा गया था। इस पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं करते हुए भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। पार्षद ने कलेक्टर से उक्त प्रकरण की विधिवत जांच कराकर संबंधित दोषियों पर कार्यवाही कर भुगतान रुकवाने की मांग की हैं।