– नहीं हो रही सड़क निर्माण की मॉनीटरिंग, ना कोई अधिकारी मौके पर ना ही कोई इंजिनियर
– 1 करोड़ 38 लाख रुपए में बन रही महज 3 किलोमीटर की सड़क
– मामला प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली जावरा-ईस्माइल पुरा सड़क का
जावरा। गावों से शहरों और मुख्य मार्गो से जोडऩे के लिए केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना बनाकर कई गावों को शहरों से जोडऩे सड़के बनाने का काम शुरु किया हैं, लेकिन इन सड़कों के निर्माण में किस कदर से धांधली हो रही हैं, इसका अंदाजा फोरलेन रोड़ से ईस्माईल पुरा तक की महज 3 किलोमीटर की सड़क निर्माण से लगाया जा सकता हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत महज 3 किलोमीटर की सड़क बनाने में करीब 1 करोड़ 38 लाख 26 हजार रुपए की राशि खर्च की जा रही हैं, इस सड़क पर वर्तमान में डामरीकरण का कार्य चल रहा हैं, लेकिन डामरीकरण की गुणवत्ता कां अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि सड़क पर हो रहा डामरीकरण बनते बनते ही उखडऩे लगा हैं। कई स्थानों पर तो गिट्टी भी निकल गई हैं तो कई स्थानों पर गढ्ढे हो चुके हैं। जो बोर्ड पर लिखा क्या उस मान से बन रही हैं सड़क –
जावरा से ईस्माइलपुरा तक की 3 किलोमीटर की सड़क बनाने का काम जावरा के एक ठेकेदार के पास हैं। ठेकेदार ने फोरलेन पर इस सड़क के किनारे योजना के साथ प्रोजेक्ट की डिटेल का बोर्ड तो लगाया हैं, लेकिन जो डिटेल्स बोर्ड पर लिखी गई हैं, उसके मुताबिक काम हो रहा हैं या नहीं, इसका पता नहीं चल पा रहा हैं, क्यों कि निर्माणाधीन सड़क की मानिटरिंग करने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़ा ना तो कोई अधिकारी मौके पर दिखाई दिया हैं और ना ही कोई इंजिनियर, ऐसे में सड़क निमार्ण कार्य मजदुरो के भरोसे ही चल रहा हैं। ग्रामीणों के साथ ही जानकारों की माने तो बोर्ड में प्रोजेक्ट से जुड़ी जो डिटेल्स लिखी गई हैं, उसके मान से सड़क का निर्माण कार्य नहीं हो रहा हैं, लेकिन इस ओर न तो कोई स्थानीय अधिकारी ध्यान दे रहा हैं और ना ही संबंधित विभाग के अधिकारी। ऐसे में मनमर्जी की सड़क बनाई जा रही हैं, जिस पर बनते बनते ही डामर उखड़ रहा हैं।
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