जावरा। विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रियावन की लहसुन को जीआई टैग मिल गया है। इसके लिए विधायक डॉ. राजेंद्र पांडेय लंबे समय से प्रयासरत थे। उनके सफल प्रयासों से जीआई टैग प्राप्त हो गया है। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक टीसी वास्कले ने बताया कि उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश शासन तथा जिला प्रशासनके सहयोग, पद्मश्री डॉ. रजनीकांत के तकनीकी सहयोग से एफपीओ रियावन फार्म फ्रेश प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा रियावन लहसुन के जीआई पंजीकरण का आवेदन जनवरी 2022 में जीआई टैग हेतु चेन्नई में किया गया था। लंबी कानूनी और तकनीकी प्रक्रिया के बाद 2 मार्च को जीआई टेग मिलने की जानकारी प्राप्त हुई है। विधायक डॉ. पांडेय ने इसके लिए मु यमंत्री, कृषि मंत्री से कई बार निवेदन एवं विधानसभा में भी विभिन्न स्तर पर स्वीकृति के लिए आग्रह किया था।
गुणवत्ता और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है लहसुन –
यह लहसुन अपनी विशिष्ट गुणवत्ता और बंपर उत्पादन के कारण प्रसिद्ध है। इसमें पदों की सं या पांच-छह होती है। स्वाद तीखा और तेज होता है। अन्य लहसुन की अपेक्षा इसमें तेल की मात्रा भी अधिक होती है। जीआइ टैग मिलने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नया बाजार मिलने लगेगा। प्रदेश सरकार एक जिला उत्पाद के अंतर्गत रतलाम की लहसुन को प्रमोट कर रही है। देश में रियावन सिल्वर लहसुन के नाम से इसकी अच्छी मांग है।
बीते बीस सालों से हो रही पर परागत लहसुन की खेती –
बीस साल से पिपलौदा तहसील के ग्राम रियावन में लहसुन की खेती परंपरागत तरीके से हो रही है। यहां से दूसरे गांवों के किसान बीज ले जाकर उसी तरीके से खेती कर अच्छा उत्पादन ले रहे हैं। बीज विकास का मूल गांव रियावन ही माना जाता है। अलग गुणवत्ता, सफेदी पर्दा, कलियों का आकार और औषधीय के कारण इसकी अलग पहचान बनी है। भंडारण की क्षमता अधिक होने से इसे अधिक समय तक रखा जा सकता है। विधायक डॉ पांडेय ने रियावन लहसुन को जीआई टैग मिलने पर क्षेत्रवासियों को बधाई देते हुए केंद्रीय कृषि व उद्यानिकी मंत्री अर्जुन मुंडा, मु यमं त्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश के उद्यानिकी मंत्री नारायणसिंह कुशवाह के प्रति आभार व्यक्त किया।
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