– शहर की मातृशक्ति ने किया जावरा के इतिहास का पहला ऐसा आयोजन, हजारों की संख्या में देखने पहुंचे शहरवासी
– लहसुन मंडी प्रांगण में बनाया भव्य पांडाल, तीन एलईडी और करीब 6 हजार कुर्सियां लगाकर दिखाई संघर्ष गाथा
– प्रभुश्री रामलला की आरती और आतीशबाजी भी की गई
जावरा। भारत भूमि के प्रत्येक हिन्दुस्तानी के आराध्य भगवान श्रीराम की जन्मभूमि के संघर्ष की क्रोंध और बलिदानों से रची गई 500 साल की संघर्ष गाथा को शहर की स्थानीय महिलाओं, युवतियों और बच्चों ने नाट्य रुपांतरण कर लोगों के समक्ष पेश की। नाट्य रुपांतरण के दौरान हजारों की संख्या में मौजुद शहरवासियों की आंखें कभी नम हुई तो कभी खुली के मारे चहक उठी, मंदिर बनने और श्रीरामलला के बिराजने की गाथा को रामभक्तों ने हर्ष के साथ रामभजनों पर झुमते, गाते और डिजीटल आतिशबाजी के बीच देखी और स्वयं को गौरान्वित महसुस करते हुए शहर की नारी शक्ति को उक्त ऐतिहासिक आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
शहर के खाचरौद नाका स्थित लहसुन मंडी प्रांगण में मातृ शक्ति भव्य पांडाल बनाते हुए जावरा के इतिहास का पहला ऐसा अनुठा आयोजन किया। जिसे देखने हजारों की संख्या में शहरवासी जुटे। कार्यक्रम में शहर की करीब 200 से अधिक महिलाओं, युवतियों और बच्चों के साथ शहर की जानी मानी हस्तियों ने अलग अलग किरदार निभाते हुए श्रीराम जन्मभूमि के संघर्ष की गाथा को नाट्य रुपांतरण के माध्यम से आसान तरीके से लोगों तक पहुंचाया। श्रीराम के जन्म के प्रमाण से लेकर कार सेवा और अंत में भूमि पर राम मंदिर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर बनने और उसमें श्रीरामलला के बिराजीत होने की गाथा को शहरवासियों ने खुब सराहा।
दीयों के साथ मोबाईल लाईट से उतारी श्रीरामलला की आरती –
लहसुन मंडी प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवा प्रान्त के प्रान्त कार्यवाह विनीत नवाथे मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे, उनके साथ विभाग संघ चालक तेजराम मांगरोदा, संत दिनेश व्यास घटवास के साथ महिला समिति की प्रतिमा सोनटके मंचासीन रही। आयोजन में भव्य राम दरबार के साथ 500 वर्ष की गाथा पर प्रदर्शनी भी लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रही। आयोजन में डिजीटल आतिशबाजी के साथ ही प्रभु श्रीराम की महाआरती हजारों भक्तों की मौजुदगी में उतारी गई। डिजीटल लाईटिंग ओर साउण्ड से पुरा माहोल राममय हो गया।