जवरा। श्रीमद् भागवत का प्रारंभ ही गौरक्षा व धर्म रक्षा से हैं। मनुष्य को हमेशा स्मरण रखना चाहिए कि जिसकी जगत से नहीं बनती हैं उसकी जगदीश से बनती हैं। भगत का जगत से बैर रहता हैं अर्थात भक्ति करने वाले की सांसारिक व्यक्तियों से नहीं बनती हैं। इसके उदाहरण भक्त प्रह्लाद, धु्रव, मीराबाई जैसे कई भक्त हैं।
यह बात राष्ट्रसंत नमन वैष्णव ने स्व. महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा गौशाला तालीदाना पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान भक्तों को कथा का रसपान करवाते हुए कहीं। राष्ट्रसंत वैष्णव ने गायों के महत्व का वर्णन करते हुए बताया कि गायों के अंग-अंग में परमात्मा विराजमान हैं। गायों के बिना मानव जीवन सारहीन है। प्रत्येक प्राणी को ईश्वर प्राप्ति करना हैं तो गौसेवा करना चाहिए। गायों का जहाँ कुल होता हैं वह गौकुल कहलाता हैं। संत ने गौशाला तालीदाना को गौकुल की संज्ञा दी। दूसरे दिन की कथा के यजमान शंकरलाल आंजना बिलादपुर रहे। कथा आरती का लाभ गौशाला संरक्षक के.के.सिंह कालूखेड़ा, हरिनारायण अरोड़ा जावरा, कीर्तिशरण सिंह जिला मंत्री भाजपा, कन्हैयालाल पाटीदार धामेडी,अंबाराम पाटीदार पंचेवा, नारायण सिंह भाटखेड़ी, जीवनलाल कालूखेड़ा, अर्जुन सिंह जावरा, बंकटदास बैरागी ने लिया। दूसरे दिन कथा समापन अवसर पर अतिथि हरिकिशन लोहारवाड़ नागदा, धर्मचंद चपड़ोद, पत्रकार अभय कोठारी, अभय सुराणा, अशोक चौपड़ा, समाजसेवी विमल सिसोदिया, जगदीश उपमन्यु, श्रवण सिंह राठौर, राहुल सिंह राठौर पटलवाद रहें। गौशाला अध्यक्ष गजराजसिंह (गज्जु बना) ने बताया कि तीसरे दिन महाभारत प्रसंग पर आधारित होगी। श्री श्वेताम्बर जैन वरिष्ठ संघ ने भेंट किए कंबल और गुड़ –
श्री श्वेताम्बर जैन वरिष्ठ संघ ने अपने गौ सेवा प्रकल्प के तहत तालीदाना गौशाला में गायों को ठंड से बचाव के लिए 21 कंबल और 27 किला गुड़ भेंट किया। इस दौरान महासंघ अध्यक्ष अभय सुराणा, डॉ.सी.एम.मेहता, शेखर नाहर, नेमीचंद जैन,श्रेणिक चौहान, वीरेंद्र विनायका, सुरेश लुक्कड़ आदि मौजुद रहे।
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