– भैसाना उपसरपंच ने इंदौर हाईकोर्ट में लगाया वाद, कोर्ट ने किया स्वीकार
– मामला भैसाना सरपंच व सचिव द्वारा रुपए लेकर शासकीय भूमि की चर्तुसीमा पर अतिक्रमण करवाने का
जावरा। ग्राम पंचायत भैसाना के स्वामित्व की शासकीय जमीन को सरपंच पुजा पासी व सचिव प्रकाश चांवला द्वारा रूपए लेकर चर्तुसीमा पर छ: लोगों द्वारा अतिक्रमण करवाने के मामले में उपसरपंच सत्यनारायण पाटीदार व पंचों ने कई जावरा एसडीएम लेकर कलेक्टर तक जनसुनवाई के माध्यम से और सीएम हेल्पलाई तथा पत्र के माधम से मुख्यमंत्री तक शिकायत की गई। लेकिन मामले में पुरा एक साल बीतने के बाद भी किसी भी सक्षम अधिकारी द्वार कोई कार्रवाई नहीं की गई, इतना ही नहीं जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव द्वारा सरपंच के विरूद्ध धारा 40 का नोटिस जारी करने के बजाय राजनैतिक दबाव के कारण प्रकरण लोकायुक्त को भेज दिया गया। जिससे आहत होकर अब उपसरपंच व पंचों ने न्यायालय की शरण ली हैं।
उपसरपंच सत्यनारायण पाटीदार ने बताया कि एक साल से शिकायत किए जाने के बाद भी जब किसी भी सक्षम अधिकारी ने कोई शिकायत नहीं की तो मजबुरन उन्है हाई कोर्ट की शरण में जाना पड़ा। हाईकोर्ट में प्रीटिशन लगाई हैं। जिसमें उन्होने मध्यप्रदेश शासन के मुख्य सचिव पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के साथ ही जिला कलेक्टर रतलाम, जिला पंचायत सीईओ, जनपद पंचायत सीईओ के साथ भैसाना सरपचं पुजा पासी व सचिव प्रकाश चांवला को पार्टी बनाया हैं। उक्त मामले को हाईकोर्ट ने स्वीकृत भी कर लिया हैं। अब कोर्ट द्वारा सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।
कौन किसलिए दोषी, क्यों बनाया पार्टी –
उपसरपंच पाटीदार ने बताया कि मामले में मध्यप्रदेश शासन के पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पार्टी इसलिए बनाया गया है क्यों कि उनके द्वारा उनके ही विभाग में शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, इस पर उनके द्वारा ध्यान क्यों नहीं दिया गया। वहीं जिला कलेक्टर को उपसरपंच व पंचों द्वारा दो बार जनसुनवाई के माध्यम से लिखित शिकायत की थी, पहली शिकायत पर जिस पर कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ को कार्रवाई के लिए लिखा, लेकिन सीईओ ने कार्रवाई नहीं की, दूसरी बार भी जब कलेक्टर को आवेदन दिया, उसके बाद भी कलेक्टर ने मामले में संज्ञान न लेकर कार्रवाई को लेकर कोई रूची नहीं दिखाई जिसके चलते उन्है न्यायालय में पार्टी बनाया गया हैं।
एसडीएम व सीईओ के प्रतिवेदन के बाद भी नहीं की कार्रवाई –
मामले में जिला पंचायत सीईओं श्रृंगार श्रीवास्तव को तत्कालीन एसडीएम जावरा राधा महंत तथा जनपद सीईओ बलवंत नलवाया द्वारा सरपंच के खिलाफ धारा 40 का नोटिस जारी करने तथा सचिव को निलंबीत करने का प्रतिवेदन प्रेषित किया था, वहीं कलेक्टर द्वारा कार्रवाई के फाईल भेजकर सुनवाई के लिए कहा था, लेकिन जिला पंचायत सीईओ द्वारा राजनैतिक दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं की, वहीं प्रकरण में कार्रवाई के बजाय उसे लोकायुक्त उज्जैन को भेज दिया। जिसके चलते उन्है भी प्रकरण में पार्टी बनाया गया हैं। सीईओ के नाम से मांगी थी रिश्वत –
मामले में सरपंच पुजा पासी द्वारा जनपद सीईओ के नाम से रिश्वत मांगी गई थी, जिसका ऑडियों भी वायरल हुआ था, जिसमें सरपंच स्पष्ट रूप से यह कह रही हैं कि उन्है आगे जनपद सीईओ को पैसा देना होता हैं, ऐसे में सीईओ द्वारा उनके नाम पर रिश्वत मांगे जाने के बाद भी सरपंच पर एफआईआर या कोई वैधानिक कार्रवाई नहीं उनका भी मामले में संलिप्त होने का संदेह पैदा करता हैं, जिसके चलते उन्हैं पार्टी बनाया गया हैं। वहीं सरपंच व सचिव द्वारा रूपए लेकर शासकीय जमीन पर अतिक्रमण करवाया गया, जिसके उन्है पार्टी बनाया गया हैं।
आज दर्ज होंगे उपसरपंच के बयान –
जिला पंचायत सीईओं द्वारा कार्रवाई करने के बजाय मामले को लोकायुक्त उज्जैन जांच के लिए प्रेषित कर दिया। जिसमें 06 मार्च को उपसरपंच सत्यनारायण पाटीदार को बयान के लिए उज्जैन बुलाया गया हैं। जहां उनके बयान दर्ज होंगे।