– सेवानिवृति के बाद अपनी ही राशि के लिए दर दर भटकने को मजबूर प्राध्यापक
जावरा। प्रदेश सरकार की महत्ती सीएम हेल्पलाईन योजना पर शिकायते सीएम मॉनिट सी लेवल तक पहुंचने के बाद भी निराकृत नहीं हो पा रही हैं, सी लेवल तक पहुंचने के बाद भी प्रदेश सरकार के अधिनस्त कर्मचारी और अधिकारी कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं, ऐसे में अब पीडि़त अपनी शिकायत कहां दर्ज करें और न्याय के लिए कहा जाए …? सेवानिवृति के बाद भी शासकीय सेवक को अपनी ही राशि के लिए भटकना पड़ रहा हैं, अपने ही बिलों की स्वीकृति और बजट के लिए बाबुओं से लेकर अफसरों तक चक्कर काटने पड़ रहे हैं, फिर भी नजीता शून्य ही नजर आ रहा हैं। ऐसा ही एक मामला उजागर हुआ हैं, जिसमें सीएम हेल्प लाईन की शिकायत सी लेवल तक पहुंचने के बाद संचलनालय लोक स्वास्थ एवं चिकित्सा शिक्षा द्वारा क्षैत्रीय संचालक स्वास्थ सेवाएं उज्जैन को पत्र देने के बाद एक माह में भी कार्रवाई नहीं किया जाना उजागर हुआ हैं। जिससे ऐसा प्रतित होता हैं कि अधिकारी स्वयं को सीएम से भी ऊपर समझ रहे हैं।
शासकीय कन्या महाविद्यालय से अर्थशास्त्र के पद से सेवानिवृत हुए सहायक प्राध्यापक डॉ मदनलाल गांगले ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के बजट शाखा द्वारा पिछले दो माह से 35640 रुपए का बजट स्वीकृति आदेश नहीं भेजा गया हैं। जबकि इस संदर्भ में प्राचार्य शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रतलाम द्वारा बजट स्वीकृति हेतु कभी से कार्रवाई की गई हैं। लेकिन बजट शाखा के अधिकारी द्वारा लेटलतिफी की जा रही हैं। ज्ञातव्य हैं कि पूर्व में भी यह बजट स्वीकृत हो चुका हैं, लेकिन प्रशासनिक लेटलतिफी के कारण बजट संसोधित कर दिया हैं, उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी इस बजट की स्वीकृति करने में लेटलतिफी कर रहे हैं। सेवानिवृत प्राध्यापक डॉ गांगले ने उच्च शिक्षा आयुक्त से 35640 रुपए का बजट स्वीकृति आदेश जारी करने का निवेदन किया हैं। दूसरी और क्षैत्रीय संचालक स्वास्थ सेवाएं उज्जैन के अधिकारी द्वारा पिछले करीब एक वर्ष से 23090 रुपए का कार्योत्तर स्वीकृति आदेश नहीं दिया गया हैं। इस कार्योत्तर स्वीकृति के लिए बारंबार आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। आपने क्षैत्रीय संचालक स्वास्थ सेवा उज्जैन से उक्त राशि के कार्योत्तर स्वीकृति आदेश की मांग की हैं।
सीएम मॉनिट सी तक पहुंची शिकायत –
ज्ञात हो कि प्राध्यापक डॉ गांगले द्वारा उक्त दोनो राशि के लिए क्षैत्रीय संचालक स्वास्थ सेवाएं उज्जैन से लेकर आयुक्त के साथ ही स्वास्थ मंत्री और सीएम तक भी कई बार शिकायत की, सीएम हेल्पलाईन पर भी यह शिकायते सीएम मॉनिट सी लेवल तक पहुंच गई हैं, लेकिन अब तक निराकरण नहीं हो पाया हैं, शिकायत के सीएम मॉनिट सी तक पहुंचने के बाद संचालनालय लोक स्वास्थ एवं चिकित्सा शिक्षा ने 02 दिसंबर 24 को क्षैत्रीय संचालक स्वास्थ सेवाएं उज्जैन को पत्र जारी कर दोनो चिकित्सा देयकों की कार्योत्तर स्वीकृति चिकित्सा परिचर्या नियम 2022 के नियमानुसार शीघ्र प्रदान करने के आदेश जारी हैं, आदेश जारी होने के 1 माह बाद भी अब तक क्षैत्रीय संचालक ने इस और कोई कार्रवाई नहीं की हैं। इससे ऐसा प्रतित हो रहा हैं कि अधिकारी स्वयं को सीएम से भी ऊपर समझ रहे हैं।
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