– गुरू सप्ताह अन्तर्गत चल रही दिवाकर भवन पर धर्मसभा
– शनिवार को मनाई जाएगी जैन दिवाकर श्री चौथमलजी मसा की 146 वीं जन्म जयंती
– जाप के साथ होगा गौतम प्रसादी का आयोजन
जावरा। दिवाकर भवन पर मेवाड़ गौरव प्रखर वक्ता प्रवचनकार रविन्द्र मुनि जी म.सा. (नीरज) ने गुरु सप्ताह अंतर्गत धर्मसभा को संबोधित करते हुए फरमाया की चित्त में स्थिरता नहीं आती तब तक समधिभाव जीवन में नहीं आ सकता मन की स्थिरता को साधना हर किसी के बस की बात नहीं यह मन बड़ा चंचल स्वभाव वाला, बड़ा दृढ़ और बलवान है। इसलिए उसको वश में करना मैं वायु को रोकने की भाँति अत्यन्त दुष्कर है समभाव का अर्थ है ऐसा भाव जिसके विपरीत ना जाना पड़े। कोई ऐसा भाव जो इतना आकर्षक हो इतना विराट हो कि तुम्हें पूरा ही सोख ले अपने में। तुम्हें उससे हटकर के किसी और भाव की जरूरत ना पड़े। समभाव का अर्थ यही नहीं होता कि दु:ख-सुख एक समान सर्दी-गर्मी एक समान धूप-छाँव एक समान। समभाव का अर्थ है- मन पर कुछ ऐसा छाया हुआ है जिसकी पनाह में आने के बाद अब और कहीं जाने की जरूरत नहीं लगती। समता मिल गई है। अब ना विषमता बची है ना ममता बची है ना अहमता बची है। यह जीवन जीने के तरीके हैं। यह जीवन जीने की कलाएँ हैं और साथ-ही-साथ जीवन कैसा बीत रहा है यह उसकी कसौटी है। इसलिए सामायिक के महत्व को बताया गया है सामायिक में समभाव रखने वाला ही समाधी में स्थिर बन सकता है ऐसे ही समभाव में रहने वाले महान संत करुणा के सागर गरीबो के मसीहा जावरा के गौरव ज्योतिषाचार्य उपाध्याय प्रवर पूज्य गुरुदेव कस्तूरचंद जी म.सा.जिनका जन्म जावरा की पावन पुण्य धरा पर हुआ ऐसे संत की 118 वी दीक्षा जयंती मनाने का अवसर हमें मिला है आपकी दीक्षा मात्र 14 वर्ष की अल्पायु में रामपुरा में हुई आचार्य सम्राट आनंद ऋषि जी म.सा. ने आपको श्रमण संघ का उपाध्याय पद प्रदान किया था आपका समाधी मरण रतलाम की पूण्य धरा पर हुआ।
शनिवार को मनाई जाएगी श्री चौथमलजी मसा की 146 वीं जन्मजयंति –
उपरोक्त जानकारी श्रीसंघ अध्यक्ष इन्दरमल टुकडिया, कार्यवाहक अध्यक्ष ओम श्रीमाल ने बताया की 25 नवम्बर को जैन दिवाकर श्री चौथमल जी म.सा.की 146 वी जन्म जयंती प्रात: 08:30 बजे जाप एवम गुणानुवाद सभा के रूप में रविन्द्र मुनि म.सा.के सानिध्य में मनाई जाएगी। जाप के लाभार्थी सुजानमल जी सोभागमल जी ओरा है श्री संघ द्वारा गौतम प्रसादी का आयोजन प्रात: 11:30 पर सोमवारिया स्थित सागर साधना भवन पर रखा गया है स्वामी वात्सल्य के नखरे के लाभार्थी मोहनबाई पुखराजमल राकेश, राजेश कोचट्टा परिवार रहेगे। कस्तूरचंद जी म.सा.की 118 वी दीक्षा जयंती के जाप के लाभार्थी मांगीलाल मांगीबाई श्रीश्रीमाल, बसंतीलाल रुपेश चपडोद एवं गुप्त महानुभाव रहे। धर्मं सभा का संचालन महामंत्री महावीर छाजेड़ ने किया ।
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