– भारत विकास परिषद ने आयोजित किया भारतीय चिकित्सा सिद्धांत पर व्याख्यान
जावरा। भारतीय चिकित्सा सिद्धांत को अगर पूर्णता अपनाया जाए तो हम सब मिलकर भारत को स्वस्थ देश की श्रेणी में ला सकते हैं। आज जितने भी विकार उत्पन्न हो रहे हैं, वह विदेशी शैली अपनाने के कारण ही हो रहे हैं, हमारे पूर्वजों ने विज्ञान को धर्म से इसलिए जोड़ा था कि व्यक्ति उस पर चलेगा लेकिन आज बिना विचारे दवाइयां का जो सेवन कर रहे हैं। वह हमारे शरीर में अनेक विकार उत्पन्न कर रहा हैं। यह बात रानी लक्ष्मीबाई के छठे वंशज वैभव साठे ने भारत विकास परिषद की जावरा शाखा द्वारा आयोजित मर्म चिकित्सा योग प्राणायम शिविर के दौरान कहीं। साठे ने इस दौरान स्वर विज्ञान पर भी कई जानकारियां प्रदान की। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती और मां भारती की पूजा से हुआ। अतिथि परिचय राम रतन मलगाया ने दिया। भाविप अध्यक्ष डॉ राजेंद्र त्रिवेदी ने स्वागत भाषण दिया। इस दौरान संगठन मंत्री सुनील तिवारी, गोपाल सेठिया, अतुल उपमन्यु, दीपक साधु, शीतल मेहता, दिनेश सिसोदिया, विजय नाहर, डॉ अरविंद पाटीदार, राजेश धाकड़, राजेश परमार आदि सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे। संचालन डॉ अशोक पाटीदार ने किया। आभार सचिव देवेंद्र भारद्वाज ने माना।
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