जावरा। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत की जावरा इकाई द्वारा नव संवत्सर पर आयोजित व्याख्यान एवं मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। अध्यक्षता नागदा के वरिष्ठ कवि सुंदरलाल जोशी ने नवसंवत्सर की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि गुड़ी पड़वा हिन्दुओं का मुख्य त्योहार है। ब्रह्माजी ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी। शक संवत् एवं नवरात्रि का आरंभ आज के दिन ही हुआ था। भास्कराचार्य ने इसी दिन पंचांग की रचना की थी। इस दिन नीम के पत्ते मिश्री के साथ खाएं जातें हैं अर्थात कड़वा खाकर मीठा बोले। इस मिश्रण से पेट के रोग भी दूर होते है। अतिथि प्रो. सीएम मेहता ने आयोजन की प्रशंसा करते हुई अपनी रचना बांचना सुनाकर श्रोताओं को रोमांचित कर दिया। सरस्वती वंदना गीतकार मनोहर मधुकर ने प्रस्तुत की। साहित्य परिषद अध्यक्ष व आयोजक डॉ प्रकाश उपाध्याय नारी शक्ति में नव ऊर्जा का संचार किया। हिंदी के सुकवि राकेश मिश्रा ने अपनी कविता जग छोडे है पर जगजननी साथ ना छोड़े पेश किया। इसी तरह नागदा के कवि अशोक गौरव, चारू श्रोत्रिय व लक्ष्मी जोशी ने भी अपनी रचनाओं से प्रशंसा पाई। वरिष्ठ कवि रमेश मनोहरा ने अपने व्यंग्य बाणों से श्रोताओं को घायल किया। इस मौके पर डॉ ए.एन. पालीवाल, बाबुलाल नाहर, एडवोकेट आईपी त्रिवेदी, सुरेश मेहता, कनकमल कांठेड़, अनिल पावेचा, राम चंचलानी, अभय श्रीवास्तव, दिलीप सेठिया आदि उपस्थित थे। आभार डॉ. ज्योति उपाध्याय ने माना।
Subscribe to Updates
Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.