– जगह जगह समाजजनों ने गहली कर किया स्वागत वंदन
-दादावाड़ी जिन मंदिर की शिलाओं के चढ़ावे की बोलियां भी लगाई
जावरा। प.पु.त्रिस्तुतिक संघ गच्छ नायक, गच्छाधिपति आचार्य श्री हितेशचंद्र सूरीश्वरजी मसा एवं मुनि मंडल का रविवार को क्रियोद्धार पुण्य भूमि जावरा नगर में मंगल प्रवेश हुआ। पूज्य गच्छाधिपति एवँ मुनिमण्डल का प्रात: 9.30 बजे जावरा से नागेश्वर तीर्थ छ:री पालक संघ के लाभार्थी समरथमल राजेश कुमार लोढ़ा के निवास संजय काम्प्लेक्स से नगर प्रवेश चल समारोह प्रारम्भ हुआ। जुलूस में आगे महिलाएं मंगल कलश ले कर चल रही थी। चल समारोह मार्ग पर गुरुभक्तों ने आचार्य श्री की गहली कर वन्दना कर स्वागत किया। चल समारोह प्रमुख मार्गों से होता हुआ पिपली बाजार उपाश्रय पर पहुचा जंहा आचार्य श्री एवं मुनि मंडल ने मंदिर जी मे दर्शन कर उपाश्रय में पाट गादी को वन्दन किये, श्रीसंघ की विनती पर आचार्य श्री पाटगादी पर विराजित हुवे तत्पश्चात धर्मसभा का प्रारम्भ गुरुदेव के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत गीत प्रतिभा ओरा द्वारा गया गया। गुरुदेव की इस गादी बैठना या स्पर्श करना भी सौभाग्य –
धर्मसभा को संबोधित करते हुवे पूज्य मुनीराज दिव्यचन्द्र विजय जी मसा ने कहा कि जावरा को गुरुदेव ने क्रियोद्धार हेतु चुना निश्चित जावरा की माटी में कुछ बात होगी। जावरा माटी में गुरुदेव राजेन्द्र सूरीश्वर जी म सा के परमाणु मौजूद है। साथ ही मुनीराज ने दादावाड़ी जीर्णोद्धार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला एवँ नव निर्मित जिन मंदिर की 3 मुख्य शिलाओं की जानकारी श्रीसंघ को दी। गच्छाधिपति श्री हितेशचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. ने कहा कि जावरा पाट गादी का स्थान है बड़े पुण्यशाली थे वह गुरु भागवत जो इस पाट गादी में विराजित हुवे। मेरे भी कुछ पुण्योदय से व दादा गुरुदेव की कृपा से मे भी इस पाट पर बैठा हूँ, में अपने आप को धन्य मानता हूं। इस गादी का जिसने भी अपमान किया वह कभी सुखी नही रह सकता, यह गादी दादा गुरुदेव के अणु परमाणु से युक्त है इसके स्पर्श मात्र से आत्मिक शांति मिलती हंै इस गादी पर बैठना या स्पर्श करना भी सौभाग्य है। आगे बोलते हुवे आचार्य श्री दादावाड़ी जीर्णोद्धार में गुरुभक्तों से अपनी लक्ष्मी का सदुपयोग करने की प्रेरणा दी। दादावाड़ी जिन मंदिर की शिलाओं के हुए चढ़ावे –
दादावाड़ी में नव निर्मित जिन मंदिर की 3 प्रमुख शिला के चढ़ावे बोले गए जिसमे श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर की मुख्य शिला का लाभ कन्हैयालाल संजय कुमार, संदीप कुमार हरण ने, चिंतामणि पाश्र्वनाथ एवं अलौलिक पाश्र्वनाथ की शिला का लाभ कु.प्रिशा भाई अनादि प्रताप बहन कु.वृद्धि गोखरू परिवार ने लिया। कार्यक्रम में संगीतमय मय भक्ति एवं चढ़ावे व संचालन युवा गायक चिराग चोपड़ा ने किया। अंत मे श्री त्रिस्तुतिक श्रीसंघ जावरा एवं संघ लाभार्थी समरथमल राजेशकुमार लोढ़ा परिवार की ओर से गच्छाधिपति को काम्बली ओढाई गई। श्रीसंघ द्वारा आज की नवकारसी के लाभार्थी लोढ़ा परिवार का बहुमान किया गया। अंत मे प्रभावना वितरित कीगई एवम श्रीसंघ का स्वामीवत्सालय हुआ।इनका रहा सहयोग –
सम्पूर्ण आयोजन में श्रीसंघ कार्य अध्यक्ष प्रकाश चोरडिय़ा, बाबुलाल खेमसरा, दादावाड़ी ट्रस्ट के मंत्री महेंद्र गोखरु, विनोद वरमेचा, उपाध्यक्ष अभय चोपड़ा, महेंद्र ओरा, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल चोपड़ा, अजय सकलेचा, कमल नाहटा, जितेंद्र संचेती, आतिश ओरा, विभोर जैन, सरदारमल लोढ़ा, दीपकराज चंडालिया, मितेश कर्नावट, अंकित लुक्कड़, आदि उपस्थित रहे। उक्त जानकारी देते हुवे पैदल संघ व्यवस्था प्रमुख भूपेंद्र रुणवाल ने बताया कि श्री राजेन्द्र सूरी जैन दादावाड़ी में दिनाँक 23 जनवरी को नवीन जिन मंदिर की शिला पूजन कार्यक्रम गच्छाधिपति जी की निश्रा में होगा।
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