– सड़कों पर उतरे अतिथि शिक्षक, बीईओ कार्यालय से निकाली रैली, नवागत एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, की जमकर नारेबाजी
– 13 फरवरी को जिला मुख्यालय पर करेंगे प्रदर्शन, कलेक्टर को देंगे ज्ञापन
जावरा। प्रदेश के समस्त शासकीय स्कूलों में रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षक की व्यवस्था लंबे से लागू है, लेकिन इन अतिथि शिक्षकों को अब तक ना तो नियमित किया गया है और ना ही इन्है शिक्षक का दर्जा ही दिया गया है, मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अतिथि शिक्षकों की महापंचायत बुलाकर कुछ घोषणाएं कर लालीपॉप दे दिया, लेकिन एक भी घोषणा को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका, और तो और बेहत कम तन्ख्वाह पर बच्चों को पढ़ाकर उनका भविष्य बनाने वाले इन अतिथि शिक्षकों को वर्तमान ही खतरे में है। बीते चार महिनों से अतिथि शिक्षकों को मानदेय तक सरकार नहीं दे पाई है, ऐसे में अब इन अतिथि शिक्षकों को अपना घर परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। कई अतिथि शिक्षक पढ़ाने के अलावा अपने परिवार के भरण पोषण की खातिर मजदूरी तक करने को विवश है, ऐसे में अब अपनी पुरानी मांगों के साथ 2 सितम्बर की गई घोषणाओं को पूरा करने के साथ ही चार माह से बकाया वेतन प्रदान करने की मांग को लेकर शुक्रवार को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। एसडीएम कार्यालय के बाहर अतिथि शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की।
रैली निकाल सौंपा ज्ञापन –
आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ मध्यप्रदेश के जावरा के अतिथि शिक्षकों ने जिलाध्यक्ष कृष्ण कन्हैया सैनी के नेतृत्व में शुक्रवार को दोपहर 3 बजे बीईओ कार्यालय जावरा से रैली निकाली जो ओव्हरब्रिज से होकर बस स्टेण्ड से एसडीएम कार्यालय पहुंची, जहां नवागत एसडीएम राधा महंत को ज्ञापन सौंपकर वेतन दिलवाने तथा मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के आदेश जारी करवाने की मांग की। वहीं आगामी 13 फरवरी को सभी अतिथि शिक्षक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगें और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे ।
2 सितम्बर को शिवराजसिंह चौहान ने की थी ये घोषणाएं –
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहानइ गत 2 सितम्बर को अतिथि शिक्षक संघ की महापंचायत आयोजित कर अतिथि शिक्षकों की गुरुजी की तरह विभागीय परीक्षा आयोजन करने, शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षकों को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने व अधिकतम 20 अंक बोनस प्रदान करने, अतिथि शिक्षकों का एक साल का अनुबंध करने तथा बीच सत्र में किसी भी अतिथि शिक्षक को नहीं निकालने के साथ अतिथि शिक्षकों को वेतन दुगना करने की घोषणा की थी, लेकिन 6 माह होने के बाद भी अब इन घोषणाओं पर अमल नहीं किया गया है।