– समिति सदस्यों के आंदोलन, सांसद गुप्ता का समर्थन और विधायक डॉ पाण्डेय के प्रयास लाए रंग
– समिति ने महाकांल को लगाई थी अर्जी, तीन महिने तक जन संघर्ष समिति ने किया था आंदोलन
जावरा। सिहस्थ 2028 के मद्देनजर उज्जैन को देश के बड़े छोटे शहर से जोडऩे के लिए कई फोरलेन व एक्सप्रेस वे प्रस्तावित हैं, जिसमें एक फोरलेन उज्जैन से जावरा तक ग्रीन फील्ड एक्सेस कंट्रोल वे भी प्रस्तावित किया था, जिसमें भूतेड़ा एक्सप्रेस वे से जावरा के होटल ज़ोयो तिराहे तक एमपीआरडीसी ने करीब 7 फ्लाय ओव्हर प्रस्तावित किए थे। जिसके विरोध में जन संघर्ष समिति ने करीब तीन माह तक सतत आंदोलन किया, समिति सदस्यों ने अफसरों से लेकर नेताओं तक अर्जी लगाई, लेकिन अंतत: समिति सदस्यों नले उज्जैन के राजा महाकांल को भी अपनी अर्जी लगाई, महाकाल को लगाई अर्जी, जन संघर्ष समिति का सत्तत आंदोलन, सांसद सुधीर गुप्ता ने भी समिति को अपना समर्थन दिया। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतु पटवारी के साथ पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों और नेताओं का समर्थन और विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय के प्रयास रंग लाए और अंतत: सरकार ने भूतेड़ा से होटल ज़ोयो तक प्रस्तावित एक्सेस वे को फिलहाल स्थगित कर दिया हैं। एमपीआरडीसी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो वर्तमान में जो टेंडर हुआ हैं, उसमें उज्जैन से जावरा तक बनने वाला यह एक्सेस वे केवल उज्जैन से भूतेड़ा एक्सप्रेस वे तक ही बनेगा। हालाकि इस बात की आधिकारिक रुप से घोषणा होना शेष हैं, लेकिन एमपीआरडीसी संभवत: अगले सप्ताह से भूतेड़ा एक्सप्रेस से उज्जैन की ओंर सीमांकन कर पोल गाडऩे का काम शुरु करेगी। वही विधायक द्वारा मार्ग संशोधन के प्रस्ताव पर कार्य शुरू हो गया हेl इधर समिति सदस्यों ने मामले में जन हित याचिका भी लगाने कि योजना भी बना ली थीl
विधायक डॉ पाण्डेय ने बायपास का दिया था प्रस्ताव –
होटल ज़ोयो चौराहे से भूतेड़ा तक प्रस्तावित फ़्लायओव्हर व सड़क को नहीं बनाते हुए भूतेड़ा से बामनखेड़ी होते हुए रोजाना से सीधा भैसाना फंटा तक रिंगरोड़ बायपास बनाने का प्रस्ताव शासन को दिया था। वहीं विधायक डॉ पाण्डेय ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मिलकर भी इस मामले में चर्चा की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने किसी भी व्यापारी का नुकसान नहीं होने का आश्वासन विधायक को दिया था। जिसके बाद अब यह जानकारी मिली हैं कि भूतेड़ा से ज़ोयो तक प्रस्तावित फ्लायओव्हर के निर्माण को स्थगित कर दिया गया हैं। संघर्ष समिति का आंदोलन बदला किसान आंदोलन में तो उड़ी सरकार की नींद –
उल्लेखनीय है कि उज्जैन से जावरा तक नवीन फोरलेन प्रस्तावित होने के बाद से ही भूतेड़ो से होटल ज़ोयो चौराहे तक बनने वाली सड़क का विरोध शुरु हो गया था, पहले एमपीआरडीसी ने सड़क की डिजाईन नहीं दिखाई, सड़क कैसी बनेगी, कितनी जमीन जाएगी, इसकी भी जानकारी नहीं दी। ऐसे में सड़क के विरोध में जन संघर्ष समिति का गठन कर होटल ज़ोयो चौराहे पर अनिश्तिकालीन धरना शुरु हुआ। समिति ने स्थानीय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों, विधायकों, सांसदों के साथ उप मुख्यमंत्री तक अपनी अर्जी लगाई, इतना हीं नहीं समिति सदस्यों ने उज्जैन पहुंचकर महाकाल को भी अर्जी सौंपी और सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की, ताकि 7 किलोमीटर के क्षैत्र में स्थापित लोगों का रोजगार न छुटे। किसान आंदोलन में बदला प्रदर्शन तो उड़ी सरकार की नींद –
तीन माह तक आंदोलन के बाद भी जब सरकार ने नहीं सूनी तो जन संघर्ष समिति ने आंदोलन को किसान आंदोलन का रुप लिया और किसान न्याय यात्रा 22 मार्च से प्रारंभ कर उज्जैन पहुंचकर कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने की योजना बनाई, लेकिन 22 मार्च को शहर होटल ज़ोयो चौराहा छावनी में तब्दील हो गया, जैसे ही यात्रा शुरु हुई, वैसे ही पुलिस और प्रशासन ने आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन पुलिस से छुटते ही दुसरे दिन समिति ने पुन: यात्रा प्रारंभ कर दी। ऐसे में पुलिस ने फिर से सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सीएम ने भेजा कमिश्नर को –
मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम डॉ मोहन यादव ने उज्जैन कमिश्नर को जावरा भेजा और मौका देखने के लिए कहां, मौका देखने के बाद कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट सीएम तक भेजी, जिसके बाद भूतेड़ा से ज़ोयो चौराहे तक प्रस्तावित फ्लायओव्हर में संशोधन के लिए कई अधिकारी आए और मौका मुआयना किया। लेकिन बात नहीं बनी, ऐसे में अब इस 7 किलोमीटर बनने वाले फ्लाय ओव्हर के निर्माण को ही निरस्त करने का मन बना लिया हैं।
