– आचार्य व अभिभावकों ने प्रदान की सर्मपण राशि
जावरा। बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। इसी ऋतु में प्रकृति में नव ऊर्जा का संचार होता है। इसी ऊर्जा के साथ पढ़ाई करना है और माता-पिता का नाम रोशन करना है व हमेशा माता-पिता की सेवा करना है।
यह बात कश्मीरी गली स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में बंसत पंचमी उत्सव के तहत आयोजित समर्पण दिवस कार्यक्रम में अतिथि के रुप में अभय भंडारी ने कही। समिति के वरिष्ठ सदस्य अनिल पावेचा ने विद्यालय के बारे में बताया बताते हुए कहा कि किस प्रकार सरस्वती शिशु मंदिर योजना जावरा में प्रारंभ की गई। जिसमें भैया-बहनों को शिक्षा के साथ संस्कृति और संस्कारों की शिक्षा दी जा रही है। आपने बताया प्रतिवर्ष बसंत पंचमी समर्पण दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसमें भैया-बहनों, आचार्य दीदियों, समिति के सदस्यों व गणमान्य नागरिकों द्वारा समर्पण राशि वनवासी क्षेत्र में रह रहे निर्धन भैया-बहनों के विद्या अध्ययन के लिए दी जाती है। इस दौरान विशेष अतिथि पूर्व अध्यक्ष साधु मार्गी जैन श्रीसंघ पुखराज कांठेड़, पूर्व आचार्य व अभिभावक टीना अग्रवाल के साथ पाली प्रमुख मनीषा गंगवाल उपस्थित रहे। अतिथियों का परिचय आचार्य महेश पाटीदार ने दिया। किया अतिथियों का स्वागत –
अतिथियों का स्वागत मंजू सोलंकी, मनीषा सकलेचा, दीपा खटवानी, शिवानी मेहता ने किया। नीलम रैकवार दीदी ने बसंत पंचमी एवं समर्पण के महत्व बारे में भैया-बहनों को बताया। गीत की प्रस्तुति तनु दय्या दीदी ने दी। अतिथियों द्वारा कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले भैया-बहनों को पुरस्कार वितरण किए। कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अभिभावक एवं भैया-बहनों द्वारा माँ सरस्वती की पूजा की गई एवं समर्पण राशि माँ सरस्वती के चरणों में अर्पित की गई। संचालन ममता सोनी ने किया। आभार सोनाली शिंदे ने माना।
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