– सुजापुर माताजी मंदिर पर जारी नौ दिवसीय श्रीराम कथा में छठे दिन सुनाई दशरथ नाम की व्याख्या
जावरा। स्वयं भु आद्यशक्ति पीठ श्रीअम्बेमाता मंदिर पहाड़ी सुजापुर पर अठारहवा ज्ञान गंगा महोत्सव के छठे दिन श्री भारत माता सेवाश्रम न्यास अध्यक्षा पूज्य साध्वी हेमलता दीदी सरकार ने प्रभु श्रीराम के पिता दशरथ के नाम की व्याख्या करते हुए बताया कि श्रीराम कथा के दीन प्रभु श्रीराम की बाल लीला के साथ राजा दशरथ के बारे में कहा कि दशरथ असाधारण व्यक्तित्व थे। जो एक परम शक्ति शाली पुरुषार्थी एवम जितेंद्रिय राजा के रूप में जाने जाते थे। मनुष्य जीवन का लक्ष्य चार पुरुषार्थ प्राप्त करना हैं जो उन्हें श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के रूप में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, के रूप में प्राप्त हुए, राजा दशरथ जब स्वर्ग जाते थे, इंद्र उन्हें आधा सिंहासन देते थे। देवासुर संग्राम में उनका युद्ध अविस्मरणीय हुआ करता था। वर्तमान में माता पिता अगर राम जेसी संतान चाहते हैं तो उन्हें स्वयं दशरथ, कोशल्या जैसे माता पिता और सीता जैसी पत्नी लक्ष्मण,भरत, शत्रुघ्न, जैसे भाई जैसे बनना पड़ेगा श्रीराम कामी, कुटिल, कपटी व्यक्ति के यहां नहीं आते।इन्होने लिया पौथी पूजन और आरती का लाभ –
कथा के छठे दिन श्रीमद् भागवत प्रवक्ता जीतेन्द्र गुरजी रिछाचांदा भी उपस्थित रहे। पौथी पूजन का लाभ चेतन कल्लु चौधरी, दातारसिंह सोलंकी, गोपालसिंह सोलंकीने लिया। सांयकाल आरती का लाभ पूर्व जनपद अध्यक्ष निर्मलसिंह सोलंकी(उपरवाड़ा), समाजसेवी डॉ हमीरसिंह राठौर (जावरा), नीतिराजसिंह सोलंकी (गढ़ी जावरा), जनपद अध्यक्ष पिपलौदा योगेन्द्रसिंह सोलंकी, जनपद सदस्य नारायणसिंह चन्द्रावत (चिकलाना), बच्चुलाल राठौर (लुहारी), लक्ष्मीनारायण राठौड़, गोविन्दराम राठौड़ (पलसोड़ा), चन्द्रशेखर जोशी (जावरा) ने लिया। आरती के पश्चात प्रसादी वितरण किया गया।
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