– पहाडिय़ा रोड़ स्थित केन्द्र पर मनाया 89 वीं शिव जयंति महोत्सव
जावरा। भारत देश 33 करोड़ देवी-देवताओं का देश है, परंतु इन सभी देवताओं को बनाने वाला एक ही परमपिता परमात्मा शिव है। परमात्मा शिव अजन्मा हैं। परमात्मा शिव को सभी ग्रंथ पुराण और वेदों में भी सर्वोपरि ईश्वर माना गया है। जीवन की बुराइयां शिव पर अर्पण करना ही सच्चे अर्थों में शिवरात्रि मनाना है। परमात्मा शिव स्वयं धरती पर अवतरित होकर नई सतयुगी सृष्टि की स्थापना का दिव्य कार्य ब्रह्मा के द्वारा कराते हैं। इसलिए ब्रह्मा, विष्णु शंकर के भी रचयिता त्रिमूर्ति शिव को ही माना गया हैं। साथ ही इस दिन व्रत और उपवास से तन मन की शुद्धता के साथ ही रखा जाता है और माना गया है, कि जाने अनजाने में किए हुए पापों का क्षय व्रत उपवास और साधना से होता हैं। यह बात बी.के. सावित्री दीदी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शाखा जावरा द्वारा पहाडिय़ा रोड़ स्थित सेंटर पर मनाए गए 89 वे शिव जयंती के अवसर पर कहीं। इससे पूर्व सेवा केंद्र सेंटर पर अतिथि के रुप में शामिल हुए संदीप इवने, तहसीलदार जावरा शहर, ज्ञानी हंसराजसिंह, डॉ दिलीप शाकल्य, मोहनलाल पटेल, संतोष मैढ़तवाल का पुष्प गुच्छो एवं श्रीफल से बहुमान किया गया। तत्पश्चात सेवा केंद्र पर अतिथियों के द्वारा शिव का ध्वज फहराया गया तथा ध्वज के नीचे शिव की प्रतिज्ञा को दोहराया गया। इस अवसर पर नन्ही बालिका सौंदर्या ने मनमोहन नृत्य से सबका मन मोह लिया इसके बाद नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए शिव वत्सो के द्वारा वाहन रैली निकालकर शिव संदेश दिया गया। संचालन पूनम उपाध्याय ने किया। पुलिस प्रशासन के साथ-साथ सभी अतिथियों का आभार शिव कन्या दीदी ने माना।
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