जावरा। मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर एवं प्रधान जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम के निर्देशानुसार एवं अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति, जावरा के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्ययोजना अनुसार नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाए) योजना 2015 अंतर्गत राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शुक्रवार को प्रथम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड जावरा हर्षिता पिपरेवार एवं पंचम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड जावरा नेहासिंह परिहार की उपस्थिति में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद की नवांकुर संस्था चित्रांश सामाजिक वेलफेयर सोसाईटी, जावरा में विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। न्यायाधिशों ने डाला राष्ट्रीय बालिका दिवस पर प्रकाश –
शिविर में न्यायाधीश हर्षिता पिपरेवार ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के महत्व के बारे में बताया कि वर्तमान समय में महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त व समृद्ध हो रही है। महिलाएं सशक्त व साक्षर होकर देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाए) योजना 2015 के बारे में बताते हुए कहा कि अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और आप अपने माध्यम से अपने घर परिवार के सदस्यों को कानून से संबंधित प्रावधानों के बारे में जागरूक करना चाहिए। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 पर प्रकाश डालते हुये बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति द्वारा आपको परेशान किया जा रहा है तो उसकी सूचना अपने स्कूल के शिक्षकगण व परिवारजन को बताएं। कानूनी प्रावधानों से कराया अवगत –
कानूनी प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुये बताया कि आज के समय में हम सब स्मार्टफोन तथा इंटरनेट का इस्तेमाल करते है अपने किसी भी प्रकार की कोई भी गोपनीय जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिये। छात्र-छात्राओं को शिक्षा के अधिकार, शासन द्वारा संचालित योजनाएं जैसे सुकन्या समृद्धि योजना, उडाना योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना सालसा की नि:शुल्क हेल्प लाइन नंबर, विधिक सेवा मोबाइल एप, नि:शुल्क विधिक सहायता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सविंधान के बारे में भी बताया –
शिविर में न्यायाधीश नेहासिंह परिहार द्वारा छात्र-छात्राओं को भारतीय संविधान के बारे में बताया कि संविधान हमें सशक्त करता है। संविधान द्वारा प्रदान किये गये अपने अधिकारों का प्रयोग करें। अनुच्छेद 14 हमें कानून समक्ष समानता का अधिकार प्रदान करता है। अनुच्छेद 15 अंतर्गत किसी भी नागरिक के साथ धर्म, जाति, लिंग, जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करता सकता है। संविधान के मूल कर्तव्यों के बारे बताया कि हमें अपने कर्तव्य जैसे संविधान का पालन करना, राष्ट्र को साफ-स्वच्छ रखे आदि का पालन करना चाहिए। ई-बेस्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। स्वच्छ भारत अभियान के बारे में बताया। शिविर में छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गये विधिक प्रश्नों के उत्तर दिये गये। इस दौरान संस्था अध्यक्ष शिवेन्द्र माथुर, नेहा कसेरा, गौतम राठौर,विश्वेंद्र माथुर, सहित तहसील विधिक सेवा समिति जावरा स्टॉफ उपस्थित रहा।
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