– जन्मे प्रभु श्रीराम कथा पांडाल में छाया उल्लास
– गीता जयंति महोत्सव के तहत चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा
जावरा। भारतीय संस्कृति के किसी भी ग्रंथ में यह नहीं कहा गया है कि भगवान दुर्लभ है, हर जगह मनुष्य देह दुर्लभ बताई है, गीता में भगवान कृष्ण ने और रामचरित मानस में तुलसीराम ने मनुष्य जीवन दुर्लभ बताया है, राम कथा को जीवन में उतारकर उसे आचारण में लाए, जनमानस का मानस ही समाप्त हो गया है, इसलिए रामचरित मानस की कथा आवश्यक है। राम का अर्थ है = रा से – राष्ट्र और म से – से मंगल यही राम है। रामचरित जन जन तक पहुंचेगा तो भगवान स्वत: ही लहराएगा। संसार रुपी इस मोह में रहो किंतु कमल के समान इस किचड़ से उपर रहो। शिव जीवन में प्रकट होंगे तक राम का प्राकट्य होगा।
यह बात श्री गीता भवन ट्रस्ट द्वारा आयोजित 84 वें श्री गीता जयंति महोत्सव के तहत आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन भक्तों को कथा का रसपान करवाते हुए कथा प्रवक्ता राष्ट्रसंत नमन वैष्णव ने कहीं। कथा के तीसरे दिन भगवान श्रीराम का प्राकट्य उत्सव मनाया गया। भगवान के प्राकट्य के बाद जैसे ही भगवान ने माता कौशल्या को अपना चतुर्भूत रुप दिखाया तो माता कौशल्या ने उन्है मनुष्य रुप का वर्णन कर मनुष्य रुप में अवतरित होने की बात कहीं। संसार केवल मां ही भगवान को मुनष्य रुप में प्रकट होने की सलाह दे सकती है।
इन्होने लिया आरती और पोथी पूजन का लाभ –
नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन पौथी पूजन का लाभपूर्व जनपद अध्यक्ष जावरा रामविलास धाकड़, समाजसेवी भंवरलाल पाण्डेय,संतोष राठौर (सांईकृपा नमकीन), गज्जु बना तालिदाना, रामसेवक शर्मा समाजसेवी, व्याख्याता भगतसिंह महाविद्यालय प्रो. एपी पाण्डेय, समाजसेवी दिलीप हेमावत ने लिया। शाम को आरती का लाभ भेरुलाल पुखराज सोनगरा समाजसेवी, के.एन. कुमावत समाजसेवी, भेरुलाल पाटीदार समाजसेवी तथा भेरुलाल पुरोहित समाजसेवी ने लिया। कथा के तीसरे दिन अतिथियों और कथा प्रवक्ता का स्वागत समिति के सचिव अशोक सेठिया, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग, सह संयोजक कैलाश विजयवर्गीय, मोहन पटेल, राजेन्द्र श्रोत्रिय, गायत्री प्रसाद मंडलोई, आनंद गर्ग, अर्पित सेठिया के साथ सतीश उपाध्याय, जगदीश कुमावत आदि ने किया। संचालन करते हुए वरिष्ठ अभिभाषक आईपी त्रिवेदी ने हे आर्य पूत्रों, हे राम भक्तों तुम्हे अयोध्या बुला रही भजन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।