– बुधवार को कलेक्टर के आदेश पर जावरा एसडीएम और सीएसपी के साथ टीम पहुंची जांच करने
– बंद मिला मदरसा, सामान भी नदारत, कमरों पर जड़े मिले ताले
जावरा। फोरलेन स्थित तथाकथित अवैध रुप से संचालित आवासीय मदरसे पर मध्यप्रदेश बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के सदस्यों की जांच के बाद कई चौकाने वाले तथ्य उजागर हुए थे, जिसमें सबसे बड़ा तथ्य तो यह था कि उक्त मदरसा कब्रिस्तान की जमीन पर बना हैं, वहीं यहां जो बच्चे निवास कर रहे थे, वे केवल दिनी तालिम ही ले पा रहे थे, उन्है किसी भी प्रकार की शैक्षणिक शिक्षा के लिए स्कूल में भर्ती नहीं किया गया था। मामले ने तुल पकड़ा तो कलेक्टर ने सीएसपी दुर्गेश आर्मो, एसडीएम त्रिलोचन गौड़, बाल अधिकारी आयोग की वेदेही कोठारी और शंभु चौधरी की एक टीम बनाकर सामुहिक निरीक्षण करने भेजा। इस दौरान तहसीलदार देवेन्द्र दानगढ़ भी मौजुद रहे। निरीक्षण के दौरान उक्त मदरसे में पुन: कब्रिस्तान को बोर्ड पाया, वहीं अंदर के कुछ कमरों पर ताले जड़े मिले, तो जो कमरे खुले थे उनमें सामान नदारत मिला। ऐसे में जब कोई जवाबदार नहीं मिला तो अधिकारियों ने प्रबंधक को तलब किया और निरीक्षण किया। निरीक्षण पश्चात टीम ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को प्रेषित की हैं। उल्लेखनीय है कि उमट पालिया में लंबे समय से एक आवासीय मदरसा बगैर अनुमति के संचालित था। जिस पर बीती 25 जनवरी को बाल आयोग के डॉ निवेदिता शर्मा और ओंंकारसिंह ने जांच की तो पाया कि जिसमें करीब 76 बच्चे जिनकी औसत आयु 15 वर्ष है, इस आवासीय व्यवस्था वाले मदरसे में रहकर दीनी तालीम ग्रहण कर रहे है। लेकिन इस मदरसे को मदरसा बोर्ड से ना तो आवासीय और ना ही अन्य स्तर की कोई मान्यता वर्तमान में मिली हुई है। वही मदरसा की भूमि स्वामित्व को लेकर उजागर हुए तथ्य में मदरसा कब्रिस्तान की भूमि पर संचालित होना पाया गया। इसके अलावा यह तथ्य भी सामने आया कि पूर्व में इस मदरसे का वित्तीय प्रबंधन स्थानीय कमेटी द्वारा किया जा रहा था किंतु वर्तमान में इसका वित्तीय प्रबंधन इंदौर की एक ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि दावते इस्लामी हिंद ट्रस्ट जिला इंदौर द्वारा वर्तमान में इस मदरसा का खर्चा उठाया जा रहा है, यहां पढऩे वाले बच्चे मध्यप्रदेश के रतलाम, मंदसौर, उज्जैन सहित उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर और राजस्थान के बांसवाड़ा एवं चित्तौडग़ढ़ जिले से आकर यहां रहते हुए अपनी दीनी तालीम ले रहे हैं।
कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट –
बुधवार को जांच करने मदरसे पर पहुंचे एसडीएम त्रिलोचन गौड और सीएसपी दुर्गेश आर्मो ने बताया कि जांच के दौरान कुछ दस्तावेज मंगवाए हैं वहीं रिपोर्ट जिलाधीश को प्रेषित कर दी गई हैं।
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