– 1 पर हुआ जमकर विवाद, ऑडिट रिपोर्ट पर चर्चा से बचे पार्षद
– नामांतरण के कुछ मामले अगली परिषद में रखने का लिया निर्णय
– क्लीन इंडिया एनजीओ के भुगतान को लेकर हुई गहमा गहमी
जावरा। नगर पालिका परिषद का साधारण सम्मेलन शुक्रवार को दोपहर में नपाध्यक्ष अनम मोहम्मद यूसुफ कडपा की अध्यक्षता तथा सीएमओ दुर्गा बामनिया की उपस्थिति में हुआ। साधारण सम्मेलन में रखे 8 मुद्दों मे से 7 मुद्दे सर्वानुमति से पारित हो गए, तो एक मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई, वहीं वर्ष 2022-23 की जिस ऑडिट रिपोर्ट को लेकर शिकायत हुई थी, उस पर चर्चा को लेकर सभी पार्षद बचते हुए दिखाई दिए। वहीं नामांतरण के मामले में करीब 8 से 10 मामलों को अगली परिषद की बैठक में रखने का निर्णय लिया गया। शेष सभी नामांतरण प्रकरण भी सर्वानुमति से पास कर दिए गए। एजेंडे में तय मुददों के अलावा कुछ पार्षदों से सफाई नहीं होने, समय पर कचरा गाड़ी नहीं आने के साथ नाली, सड़क व जल भरावा को लेकर सवाल उठाए तो पक्ष और विपक्ष के बीच तिखी नोकझोक भी हुई।
गर्मी में पेयजल हेतु मिली 2 करोड़ से अधिक की स्वीकृति –
साधारण सम्मेलन में नपा में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को माह जनवरी 25 से मार्च 25 तक कार्य पर रखने तथा इस पर होने वाले व्यय 64 लाख प्रशासकीय व वित्तिय स्वीकृति परिषद से मिली। वहीं गर्मी में पेयजल के निवारण के लिए 2 करोड़ 13 लाख 90 हजार रुपए की योजना बनाते हुए उसकी प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति के मामले में इंजिनियर शुभम सोनी ने बताया कि वर्तमान में मलेनी स्थित बैराज में करीब 8 फीट पानी बचा हैं, जिससे अप्रेल तक कोई समस्या नहीं आएगी, पिछले साल मावठे की बारिश के चलते डेम में 10 फीट पानी था, इस वर्ष भी यदि आने वाले समय में मावठे की बारिश होती हैं तो जून तक पानी पर्याप्त मात्रा में रहेगा। यदि मानसून में देरी होती हैं तो इस राशि से पेयजल आपूर्ति की जाएगी।
स्वच्छता पर हुए 48 लाख अतिरिक्त व्यय पर हुई गहमा गहमी –
स्वच्छ भारत मिशन अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में क्लिन इंडिया एनजीओ को नगर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण कर उसका निष्पादन करने का काम 1 करोड़ 20 लाख रुपए में दिया था, लेकिन उक्त कार्य में हुए अतिरिक्त व्यय की राशि करीब 48 लाख रुपए की राशि के भुगतान हेतु सदन में रखे गए मुद्दे पर विधायक प्रतिनिधिी अजयसिंह भाटी, पार्षद निजाम काजी, शिवेन्द्र माथुर, रजत सोनी, अनिल मोदी ने विरोध दर्ज करवाते हुए कहा कि जो वाहन उसे दिए गए थे, पहले उनकी पूरी जानकारी व सभी वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र लेने के बाद भुगतान किया जाए, लेकिन जिस हिसाब से एनजीओ ने काम किया हैं, उसके अनुसार उसे 1 करोड़ 20 लाख का भुगतान भी अधिक किया गया हैं।
अन्य मुद्दों पर भी हुई चर्चा –
सम्मेलन में तय 8 मुद्दों के अतिरिक्त भी अन्य विषयों पर सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच चर्चा हुई। चर्चा में पार्षद लोकेश विजवा, मुस्तकीम मंसूरी, इरफान हुसैन, सुलेमान सेठ, आसीफ कबाड़ी, कान्हा हाड़ा, रशीदा बी, कविता कल्याणे, नीतु चारोडिय़ा, पिंकी सोनु यादव, तेजसिंह कदम आदि के साथ नपा अधिकारी व कर्मचारी मौजुद रहे।
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